हैरिटेज नगर निगम की घर-घर कचरा संग्रहण प्रणाली को सुधारने की कवायद अधूरी साबित हो रही है। निगम ने नई फर्मों को जिम्मेदारी सौंपी है, जो न सिर्फ कचरा उठाएंगी बल्कि लोगों से यूजर चार्ज भी वसूलेंगी। लेकिन संसाधनों की कमी और कार्य में लापरवाही के चलते अभी तक नई व्यवस्था जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है, जिससे आमजन परेशान हैं और सड़कों पर कचरा फैल रहा है। निगम अधिकारियों की मानें तो अगले छह माह में यूजर चार्ज वसूलना शुरू हो जाएगा।
फर्मों को किराया, जनता से वसूली की जिम्मेदारी
निगम अधिकारियों के अनुसार, कचरा उठाने वाले प्रत्येक हूपर को 46 से 57 हजार रुपए तक का औसत मासिक किराया दिया जाएगा। इसके साथ ही फर्मों को यूजर चार्ज वसूल कर निगम को देना होगा। इसके लिए क्षेत्रवार क्यूआर कोड और रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) कार्ड लगाए जाएंगे। निगम ने फर्मों को तीन माह का समय दिया है, जिसमें उन्हें कार्ड लगाने और चार्ज वसूली की तैयारी करनी है।
अभी तक अधूरी तैयारी, सड़कों पर कचरा
हालांकि निगम ने कार्यादेश जारी कर दिया है, लेकिन अभी तक फर्मों ने पूरे संसाधन नहीं जुटाए हैं। नतीजतन हूपर नियमित रूप से कॉलोनियों में नहीं पहुंच रहे और लोग मजबूरन सड़क किनारे कचरा फेंक रहे हैं। किशनपोल, जौहरी बाजार, चांदपोल और रामगंज जैसे परकोटा क्षेत्र में ऐसी स्थिति आसानी से देखी जा सकती है।
जोनवार सफाई व्यवस्था और जिम्मेदारियां
जोन सफाई का जिम्मा
हवामहल-आमेर अर्बन एन्वायरो
सिविल लाइंस, किशनपोल वी वॉइस
आदर्श नगर निगम के अपने हूपर से कार्य
कमी और लापरवाही, जन असंतोष
"जिन फर्मों को जिम्मेदारी दी गई है, वे समय पर हूपर नहीं भेज रहीं। लोग इंतजार करते हैं, लेकिन सेवा नहीं मिल रही।
पवन शर्मा, अध्यक्ष, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति
ग्रेटर निगम में मिली-जुली स्थिति
ग्रेटर नगर निगम के मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन में वी केयर कंपनी 15 माह में 10 करोड़ रुपए यूजर चार्ज के रूप में वसूल चुकी है। हालांकि एक साथ बड़ी राशि की मांग को लेकर जनता में असंतोष है। मानसरोवर जोन में रवि ट्रेवल्स द्वारा शुरू की गई सेवा भी अधूरी है। अब तक आरएफआइडी कार्ड नहीं लगाए गए, जिसके चलते निगम की ओर से नोटिस जारी किया जा चुका है।
Published on:
23 Jun 2025 05:14 pm