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राजस्थान कांग्रेस में हो सकता है बदलाव, बनाए जा सकते हैं नए जिलाध्यक्ष; क्या संगठन में भी होगा बदलाव? जानें

Rajasthan Politics: राजस्थान में प्रस्तावित निकाय और पंचायत चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है।

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Rajasthan Congress

पत्रिका फाइल फोटो

Rajasthan Politics: राजस्थान में प्रस्तावित निकाय और पंचायत चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। पिछले दो महीनों से पार्टी के शीर्ष स्तर पर प्रदेश कार्यकारिणी में बड़े बदलाव को लेकर गहन मंथन चल रहा था। अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने की तैयारी है।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ‘राजस्थान पत्रिका’ से बातचीत में कार्यकारिणी में व्यापक फेरबदल के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही, नए बने आठ जिलों में जल्द ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि कुछ पुराने जिलों में भी जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। हालांकि, रंधावा ने स्पष्ट किया कि फिलहाल संगठन के ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस का संगठन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू

राजस्थान में हाल ही में प्रशासनिक स्तर पर कई नए जिले बनाए गए हैं, जिनमें जयपुर ग्रामीण से अलग जयपुर ग्रामीण पश्चिम (कोटपूतली-बहरोड़ सहित), भरतपुर से डीग, बाड़मेर से बालोतरा, सीकर से नीमकाथाना, अजमेर से ब्यावर, उदयपुर से सलूंबर, भीलवाड़ा से भीलवाड़ा ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण से जोधपुर ग्रामीण पश्चिम शामिल हैं।

इन नए जिलों में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस जल्द ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। रंधावा ने बताया कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद वह राजस्थान का दौरा करेंगे और नए जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। संभावना है कि सितंबर 2025 के मध्य तक नए जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी।

संगठन में फिलहाल कोई बदलाव नहीं

इसके अलावा, कुछ पुराने जिलों में भी जिलाध्यक्षों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। रंधावा ने कहा कि सभी बड़े नेताओं के साथ बैठकर पुराने जिलाध्यक्षों के कामकाज पर चर्चा होगी। जिन जिलाध्यक्षों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उन्हें बदला जा सकता है। हालांकि, संगठन के 'मूल ढांचे' में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रंधावा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का संगठन पहले से ही मजबूत स्थिति में है और सक्रियता के साथ काम हो रहा हैं।

कार्यकारिणी में हो सकता है विस्तार

बता दें, प्रदेश कार्यकारिणी में विस्तार हो सकता है। रंधावा ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया है और जमीनी स्तर पर जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है, उन्हें कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा। वहीं, जो लोग संगठनात्मक कामकाज में सक्रिय नहीं रहे, उन्हें हटाया जा सकता है। रंधावा ने स्पष्ट किया कि पहले भी ऐसे नेताओं को चेतावनी दी गई थी कि यदि वे काम नहीं करेंगे, तो उन्हें कार्यकारिणी से बाहर किया जाएगा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कार्यकारिणी में शामिल होने वाले नेताओं और हटाए जाने वालों की सूची तैयार हो चुकी है। इस सूची को जल्द ही पार्टी हाईकमान को सौंपा जाएगा। इसके साथ ही, कार्यकारिणी में कुछ विधायकों और सांसदों को भी शामिल करने की योजना है। दिल्ली में हाल ही में हुई एक मीटिंग में रंधावा ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी, जिसमें कई सांसदों ने सहमति जताई थी।

परफॉर्मेंस के आधार पर होगा चयन

पार्टी ने कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की सक्रियता का आकलन करने के लिए उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की है। इसके लिए संविधान बचाओ रैलियों में नेताओं की भागीदारी और उनकी सक्रियता को भी आधार बनाया गया है। जिन नेताओं की रिपोर्ट संतोषजनक रही है, उन्हें कार्यकारिणी में बरकरार रखा जाएगा, जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों को हटाकर नए और सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।

जिलाध्यक्षों में बदलाव की संभावना

नए बने आठ जिलों के साथ-साथ कुछ पुराने जिलों में भी जिलाध्यक्षों के फेरबदल की संभावना है। रंधावा ने कहा कि नए जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द की जाएगी और संभावित नामों पर विचार-विमर्श चल रहा है। कुछ ऐसे जिले भी हैं, जहां मौजूदा जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस संबंध में कहा कि संगठन में बदलाव एक सतत प्रक्रिया है। नए जिलों में पहले से ही संगठनात्मक ढांचा मौजूद था, लेकिन नए जिलों के गठन के बाद इनमें जिलाध्यक्ष और कार्यकारिणी का गठन जरूरी है। डोटासरा ने बताया कि जल्द ही हाईकमान के साथ चर्चा कर नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।

2025 संगठन वर्ष के रूप में समर्पित

बताते चलें कि कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने साल 2025 को संगठन को समर्पित करने का फैसला लिया है। इसके तहत ऊपरी स्तर से लेकर निचले स्तर तक संगठन में कोई भी पद रिक्त नहीं रहना चाहिए। इसी दिशा में राजस्थान कांग्रेस नेतृत्व की मंशा है कि 2025 खत्म होने से पहले सभी पदों को भर लिया जाए। साथ ही, 10 लाख कार्यकर्ताओं का लक्ष्य भी पूरा करने की योजना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नए जिलों में जल्द जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और कार्यकारिणी में फेरबदल को प्राथमिकता दी जा रही है।

संगठन को मजबूत करने की रणनीति

प्रस्तावित निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वार्ड, मंडल, बूथ और नगर कांग्रेस के बाद अब प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों के स्तर पर बदलाव कर पार्टी जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश में है। रंधावा ने कहा कि संगठन में सक्रिय और जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी मजबूत स्थिति में रहे।

यहां देखें वीडियो-