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42 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है यह फसल

42 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है यह फसलकर सकते हैं लाखों की कमाई वनीला लगाएं, करोड़ों कमाएचांदी जितनी महंगी है यह फसल

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जयपुर

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Rakhi Hajela

Nov 12, 2019

42 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है यह फसल

42 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है यह फसल

बढ़ती महंगाई के दौर में बाजार ( Market ) में एक से बढ़ कर एक महंगी चीजें मिल रही हैं। चांदी ( Silver )का भाव 46 हजार 454 रुपए किलो है। क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई फसल ( Crops ) भी इतनी महंगी हो सकती है। फसल की बात की है तो आपके जेहन में गेंहू, चना, सोयाबीन या फिर किसी दाल का नाम आया होगा जो आमतौर पर चांदी से बहुत सस्ती है, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसी फसल है जो चांदी जितनी महंगी है और बाजार में खूब उपयोग की जाती है। ये फसल कौन सी है आइए आपको इसके बारे में बताते हैं:

जिस फसल की बात हम कर रहे हैं उसका नाम वनीला है जिसका उपयोग आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है। वनील की कीमत लगातार बढ़ रही है। ब्रिटेन के मार्केट में इसकी कीमत ६०० डॉलर प्रति किलो हैं तो भारतीय मुद्रा में एक किलो वनीला खरीदने के लिए आपको ४२ हजार रुपए खर्च करने होंगे। ब्रिटेन के स्नगबरी आइसक्रीम कंपनी हर हफ्ते पांच टन आइसक्रीम बनाती है। उनके 40 फ्लेवर्स में एक तिहाई में किसी न किसी तरह से वनीला का इस्तेमाल होता है। गत सालों की बात करें तो ये कम्पनी वनीला जिस कीमत पर खरीद रही थी, आज वे तीस गुना से भी ज्यादा कीमत चुका रहे हैं।
मुश्किल होती है वनीला की खेती
वनीला की खेती एक मुश्किल काम है। वनीला से इसका अर्क निकाला जाता है। यही वजह है कि केसर के बाद ये दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है। मैडागास्कर के अलावा पपुआ न्यू गिनी, भारत और यूगांडा में इसकी खेती होती है। दुनिया भर में इसकी मांग है। अमेरीका अपनी बड़ी आइसक्रीम इंडस्ट्री की वजह से काफी वनीला खपत करता है। न केवल आइसक्रीम, बल्कि वनीला का इस्तेमाल मिठाइयों और शराब से लेकर परफ्यूम तक में होता है।

अगर आप खेती में ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं तो वनीला आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। आप वनीला की खेती करके मोटी कमाई कर सकते हैं। वनीला को फल की कई देशों में खूब मांग है। भारतीय मसाला बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जितनी भी आइस्क्रीम बनती है, उसमें से 40 प्रतिशत वनीला फ्लेवर की होती हैं। वनीला की मांग भारत की तुलना में विदेशों में ज्यादा है। ऐसे में माल विदेश भेजने पर बड़ा मुनाफा होता है। दुनिया का 75 प्रतिशत वनीला मैडागास्कर में ही पैदा होता है। भारत में इसकी कीमतों में उछाल होता रहता है। हालंकि मूल्य स्तर कितना भी हो वनीला उत्पादक को कभी घाटे का मुंह नही देखना पड़ता। आज हम आपको वनीला की खेती कर ज्यादा कमाई के बारे में बता रहे हैं।
बीज की कीमत
भारत में 1 किलो वनीला खरीदने पर आपको 40 हजार रुपए तक देना पड़ सकता है। ब्रिटेन के बाजारों में इसकी कीमत 600 डॉलर प्रति किलो तक पहुंच गया है। मसाला बोर्ड की माने तो वनीला आर्किड परिवार का एक सदस्य है। यह एक बेल पौधा है जिसका तना लंबा और बेलनकार होता है। इसके फल सुगंधित और कैप्सूल के आकार के होते हैं। फूल सूख जाने पर खुशबूदार हो जाते हैं और एक फल से ढेरों बीज मिलते हैं।

खेती के लिए जरूरी बातें
वनीला की खेती करने के लिए वातावरण का खास ध्यान देना पड़ता है।
वनीला की फसल को ह्यूमिडिटी, छाया और मध्यम तापमान की जरूरत होती है। इसके लिए शेड हाउस बनाकर फव्वारा विधि से इसके अनुरूप वातावरण तैयार किया जा सकता है। 25 से 35 सेंटीग्रेट तक का तापमान वनीला के पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि पेड़ों से छनकर आती रोशनी वनीला की फसल के लिए ज्यादा अच्छी मानी जाती है।
अगर आपके खेत में बाग है तो आप इंटरक्रॉप की तरह इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं।
वनीला की फसल 3 वर्ष बाद पैदावार देना शुरू करती है

कैसी होना चाहिए मिट्टी
वनीला की खेती के लिए मिट्टी भुरभुरी और जैविक पदार्थों से भरपूर होना चाहिए। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए। हालांकि आप मिट्टी जांच के बाद वनीला लगाएं तो ज्यादा बेहतर होगा।
सड़ी गली गोबर की खादए केंचुए की खाद डालकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

कैसे लगाएं
वनीला की बेल लगाने के लिए कटिंग या बीज दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है
बेल लगाने के लिए मजबूत और स्वस्थ कटिंग कर लें
जब वातावरण में नमी हो तब आप इसकी कटिंग को लगा सकते हैं
वनीला लगाने से पहले गड्ढे बनाकर उनमें पूरी तरह से सड़ी गली खाद डाली जाती है
कटिंग को मिट्टी में न दबाएं बल्कि सतह के ऊपर बस थोड़ी सी खाद और पत्तों से ढक दें
बेल को फैलने के लिए तार बांधी जाती है
आप इसे खेत में लगा रहे हैं तो एक एकड़ में 2400 से 2500 बेल होना चाहिए
फसल लगाने के बाद के गोबर से तैयार खाद, केंचुए की खाद आदि डालते रहना चाहिए
2 दिन के अंतर से फव्वारा विधि या टपका विधि से पानी देना चाहिए
बैल को तारों के ऊपर फैलाया जाता है
इसी ऊंचाई 150 सेमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए
फूल से लेकर फलियां पकने तक में 9 से 10 माह का समय लग जाता है
वनीला को पूरी तरह पकाने के लिए क्युरिंग, स्वेटिंग, ड्राइंग और कंडिशनिंग की प्रोसेस से निकलना होता है,इसके बाद वनीला तैयार होता है।