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Fake Certificates: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र घोटाला, एसओजी करेगी जांच, दोषियों पर गिरेगी गाज

Disability Rights: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र घोटाला: एसओजी करेगी जांच, दोषियों पर गिरेगी गाज। चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर कार्रवाई तेज, विभागीय जांच में सामने आई गड़बड़ी। 7613 में से 5177 प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए, पूर्व सीएमएचओ पर जांच की सिफारिश।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Oct 28, 2025

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सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो: सोशल

SOG investigation: जयपुर। सिरोही जिले में दिव्यांग प्रमाण पत्रों की संदिग्ध जारी प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। वर्ष 2019 से जनवरी 2024 के बीच जारी हजारों प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर इस प्रकरण की जांच एसओजी को सौंपी गई है। मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि दोषी अधिकारियों और कार्मिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि सिरोही जिले में 10 मार्च 2019 से 15 जनवरी 2024 तक डॉ. राजेश कुमार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) पद पर कार्यरत रहे। इस अवधि के दौरान फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इस पर गठित विभागीय जांच समिति ने विस्तृत जांच की।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, उक्त अवधि में कुल 7613 दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 5177 प्रमाण पत्र माइग्रेटेड आवेदन के आधार पर केवल एक ही विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा जारी किए गए हैं। ये सभी प्रमाण पत्र संदिग्ध और कूटरचित पाए गए। इसके अलावा, इन प्रमाण पत्रों पर तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार के हस्ताक्षर नहीं थे, बल्कि अन्य अधिकारी डॉ. सुशील परमार के हस्ताक्षर पाए गए, जिससे पूरे प्रकरण की गंभीरता और बढ़ गई है।

रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा विभाग ने मामले को विशेष कार्य बल (एसओजी) को भेज दिया है, ताकि फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके। विभाग ने कहा है कि यदि जांच में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके विरुद्ध न केवल विभागीय कार्रवाई होगी बल्कि आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह न केवल सरकारी व्यवस्था बल्कि वास्तविक दिव्यांग नागरिकों के अधिकारों के साथ भी अन्याय है।