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एक-दूसरे विभाग के अधिकारी आपस में मिलकर काम करे, ताकी छवी बेहतर हो: मंत्री रमेश चंद मीणा

इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में गुरुवार को मनरेगा कार्यो के समबंध में तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई।

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एक-दूसरे विभाग के अधिकारी आपस में मिलकर काम करे, ताकी छवी बेहतर हो: मंत्री रमेश चंद मीणा

एक-दूसरे विभाग के अधिकारी आपस में मिलकर काम करे, ताकी छवी बेहतर हो: मंत्री रमेश चंद मीणा

जयपुर। इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में गुरुवार को मनरेगा कार्यो के समबंध में तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। इस दौरान पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीणा ने कहा कि विभाग के अभियंता एवं अधिकारी आपसी सहयोग से ऐसे कार्य करें, जिनसे विभाग की छवि और बेहतर हो। उन्होंने कहा कि कम लागत में, नई सोच और नवाचारों के साथ, अच्छी गुणवत्ता के ऐसे उपयोगी निर्माण कार्य किए जाएं जो धरातल पर वास्तव में नजर आएं और आने वाले कई दषकों तक विभाग की पहचान बने। मीणा ने कहा कि कोई भी नवाचार करने से पहले एक पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में परीक्षण कर उसकी व्यावहारिकता की परख कर ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता में कमी एक बड़ी समस्या है। वाटरशेड में ऐसे कार्य हाथ में लिए जाने चाहिए। जिनसे बहते हुए सतही जल को रोका जा सके और ग्राउण्ड वाटर टेबल को बढाया जा सके। इस उद्देश्य के साथ माइक्रो सिंचाई परियोजना, छोटे बांध एवं मॉडल तालाबों के कार्य किए जाने चाहिए। परियोजना से क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आमजन को नजर आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर पंचायत समिति में कुछ बड़ी ग्राम पंचायतों में मॉडल पार्क तैयार किए जाएं। जिनमें रनिंग ट्रेक, फलदार पौधे, शौचालय, बैठक व्यवस्था, फलदार पौधे, फेंसिंग हों। ऐसे ही कामों से विभाग की छवि और बेहतर होगी। हर ग्राम पंचायत पर 1 किलोमीटर के गांधी पथ का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क भी अच्छी गुणवत्ता के साथ विभाग के कामों की पहचान बनेगी। राज्य स्तर पर मॉडल एस्टीमेट तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग में थोड़ी सी त्रुटि भी निर्माण कार्य को खराब कर देती है जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। इंजीनियर्स को सजग रहकर निर्माण कार्य करना चाहिए।