Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयपुर में रफ्तार का कहर, कार ने सड़क किनारे मां-बेटी और भतीजे को कुचला, परिवार का रो रोकर बुरा हाल

मानसरोवर थाना इलाके में गुरुवार को तेज रफ्तार एसयूवी ने एक कार को ओवरटेक करते समय सड़क किनारे पेड़ के नीचे भोजन प्रसादी का इंतजार कर रही महिला और उसके बेटे को टक्कर मार दी।

2 min read
Google source verification
Play video

जयपुर। मानसरोवर थाना इलाके में गुरुवार को तेज रफ्तार एसयूवी ने एक कार को ओवरटेक करते समय सड़क किनारे पेड़ के नीचे भोजन प्रसादी का इंतजार कर रही महिला और उसके बेटे को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि तीनों उछलकर दूर जा गिरे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल भिजवाया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए। मानसरोवर थाना पुलिस ने आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद कार चला रहे युवक और उसके साथी को शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया।

एक्सीडेंट साउथ के थानाप्रभारी सुभाष चन्द्र विश्नोई ने बताया कि बंगाली कच्ची बस्ती, शिप्रापथ निवासी दीपमाला (30), बेटी अर्पिता (3) और भतीजा राजवीर (10) की मौत हो गई। गुरुवार को दीपमाला अष्टमी पर भोजन प्रसादी के लिए दोनों बच्चों को लेकर शिप्रा पथ रोड कावेरी पथ के पास सड़क किनारे पेड़ के नीचे बैठी थी। इसी दौरान गंगा-जमुना पेट्रोल पंप की तरफ से बीटू बाइपास की ओर एसयूवी जा रही थी। तिराहे के नजदीक दूसरी गाड़ी को ओवरटेक करते समय थार अनियंत्रित होकर पेड़ के नीचे बैठे तीनों को टक्कर मारती हुई आगे चली गई।

टक्कर मारने के बाद तीनों को लहूलुहान हालत में गिरा देखकर एसयूवी चालक और उसका साथी मौके से फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दीपमाला को एसएमएस अस्पताल और अर्पिता और राजवीर को जयपुरिया अस्पताल भिजवाया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

यह भी पढ़ें : दर्दनाक सड़क हादसे में लोक कलाकार की मौत, 4 घायल, गरबा प्रोग्राम कर लौट रहे थे जयपुर

पुलिस ने आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद गाड़ी के नम्बरों के आधार पर चालक इंजीनियर कॉलोनी मांन्यावास निवासी विपिन सैनी और उसके साथ बैठे लोकेश सैनी को शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एसयूवी को जब्त कर लिया।

परिवार का रो रोकर बुरा हाल

दीपमाला जीरा और बर्तन बेचने का काम करती थी। जबकि पति कालिया कैटरिंग का काम करता है। बंगाली कच्ची बस्ती में परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल था।