
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेताओं ने जासूसी का आरोप लगाकर खूब हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में विपक्षी विधायकों की निगरानी के लिए विशेष रूप से कैमरे लगाए जाने का आरोप लगाया है। जूली ने इसे निजता का हनन बताते हुए सरकार पर विपक्ष को टारगेट करने का इल्जाम लगाया।
इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की, जिसके चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
जूली ने कहा कि सदन में विपक्ष के ऊपर विशेष रूप से कैमरे लगाए गए हैं। यह हमारी निजता का हनन है। केवल विपक्ष को टारगेट करने के लिए यह निगरानी की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब विधानसभा की कार्यवाही यूट्यूब पर लाइव प्रसारित होती है, तो फिर विपक्षी विधायकों पर अतिरिक्त कैमरे लगाने की क्या जरूरत है? जूली ने मांग की कि अगर कैमरे लगाए गए हैं तो उनकी फुटेज भी सार्वजनिक की जाए।
टीकाराम जूली ने कहा कि मुझे और मेरे विधायकों को यह बात बहुत अखरी। यदि आपको मुझसे या नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मेरे मान-सम्मान से दिक्कत है तो मुझे बोलने न दो, लेकिन यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि 8 सितंबर को बिल पारित होने के दौरान भी कुछ कांग्रेस विधायकों को बोलने का मौका नहीं दिया गया, जो उनके अधिकारों का हनन है।
इसके जवाब में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जूली के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विधानसभा कोई बेडरूम या बाथरूम नहीं है, जहां निजता का सवाल उठे। सदन में सभी खुले तौर पर बैठते हैं। कैमरे लगाने से किसी की निजता का हनन नहीं हो रहा। गर्ग ने दावा किया कि कैमरे सदन की कार्यवाही को पारदर्शी बनाने के लिए लगाए गए हैं।
इस बीच, स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में अनुशासन बनाए रखने की कोशिश की। कार्यवाही के दौरान बिना अनुमति बोलने वाले विधायकों को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह क्या तमाशा लगा रखा है? इस तरह की हरकतें हुईं तो सदन स्थगित कर दूंगा। स्पीकर ने सभी विधायकों से नियमों का पालन करने की अपील की।
Updated on:
09 Sept 2025 03:07 pm
Published on:
09 Sept 2025 03:06 pm
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