
जयपुर। अब यदि आप नया घर बना रहे हैं और उसके भूखंड का साइज 90 वर्गमीटर तक है तो आपको कम से कम दो पौधे लगाने ही होंगे। इससे अधिक क्षेत्रफल पर पौधे लगाने की संख्या बढ़ती जाएगी। इन पौधों के पेड़ बनने तक देखरेख करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर प्रति पेड़ 1 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। बिल्डिंग बायलॉज में शामिल इस संशोधित प्रावधान की पालना कराने के लिए अब काम होगा। जयपुर सहित बड़े शहरों में निर्मित क्षेत्र (कंस्ट्रक्शन एरिया) के अनुपात में हरियाली का प्रतिशत घटने के बाद नगर नियोजन विभाग ने सख्ती दिखाने की तैयारी कर ली है। अभी कंस्ट्रक्शन एरिया के अनुपात में 7 फीसदी ही घनी हरियाली है, जबकि जरूरत 15 प्रतिशत की है।
यह भी हो तो बने बात
जमीन के साथ इमारतों (वर्टिकल) पर भी हरित क्षेत्र का दायरा बढ़े। जैसे-जैसे इमारत की उंचाई बढ़े, वैसे-वैसे तय अनुपात में उस टाउनशिप हिस्से की जमीन पर हरियाली क्षेत्र का दायरा भी बढ़ता जाए। सड़क से लेकर आवासीय-कॉमर्शियल योजनाओं और हजारों बीघा खाली जमीन इसके दायरे में हो।
केवल कागजी पुलिंदा क्यों कर रहे तैयार
— 15% घना हरियाली क्षेत्र होना जरूरी शहरों में कुल निर्मित क्षेत्र (बिल्टअप एरिया) के अनुपात में
— 150 से 200 किलोग्राम ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है एक बड़ा पेड़ प्रति वर्ष
— 20 से 25 किलोग्राम टन कार्बन डाईऑक्साइड सोखता है प्रति वर्ष
Published on:
01 Jun 2023 01:58 pm
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