जयपुर। देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) सख्त हो गई हैं। यूजीसी ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाल ही एक गाइड लाइन जारी की है, जिसकी सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और हॉस्टल्स को पालना करनी होगी। पालना नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महिला विद्यार्थियों के लिए सेल्फ डिफेंस को शिक्षण से अलग गतिविधियों के रूप में शामिल करना होगा।
स्टूडेंटस काउंसलिंग सिस्टम जरूरी
उच्च शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों की समस्याओं के लिए स्टूडेंटस काउंसलिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू करना होगा। यह विशिष्ट संवाद और लक्ष्य आधारित व्यवस्था होगी। इसमें स्टूडेंट, टीचर्स और पेरेन्ट्स शामिल होंगे। इसमें स्टूटेंटस की चिंता, तनाव, बदलाव का डर, घर से बाहर रहने की परेशानी और पढ़ाई की चिंता जैसी समस्याओं का निस्तारण करना होगा।
छात्रावास होंगे सुरक्षा गार्डों के हवाले
यूजीसी की ओर से जारी गाइड लाइन में छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने पर जोर दिया है। छात्रावासों में सुरक्षा के लिए कम से कम तीन सुरक्षा गार्ड तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सीसीटीवी कैमरा, पहचान सत्यापन आदि की व्यवस्था भी करनी होगी। छात्रावासों की दीवार भी ऐसी हो जिसे छात्र पार नहीं कर सकें। इसके लिए दीवार को तारों की बाड़ से भी बढ़ाया जा सकता है।
बायोमैट्रिक से हो उपस्थिति
विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्वित करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू करना होगा। तीन महीने में एक बार शिक्षक और अभिभावकों की बैठक हो, जिससे विद्यार्थियों के बारे में माता—पिता और शिक्षक आपस में जान सकें। आपदा प्रबंधन के लिए पाठयक्रम में ही जानकारी देनी होगी। इसके लिए मॉक ड्रिल आदि हो सकते हैं।