हर ब्लॉक में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण कर न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया बल्कि जनमानस को भावनात्मक रूप से भी जोड़ा गया। सभी कार्यक्रमों में उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, विभागीय इंजीनियर और पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
नीमराणा में अधीक्षण अभियंता हरिमोहन बैरवा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्य में गिरते भूजल स्तर और वर्षा की सीमित मात्रा की चुनौती का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर, जोहड़, एमपीटी, एनीकट जैसे कार्यों के माध्यम से सतही जल के संचयन और भूजल पुनर्भरण की दिशा में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा।
अधीक्षण अभियंता बैरवा ने बताया कि जिलेभर में प्रतिदिन आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में आमजन की बड़ी भागीदारी इस बात का संकेत है कि जल व पर्यावरण संरक्षण अब जनआंदोलन का रूप ले चुका है। अधीक्षण अभियंता बैरवा ने जानकारी दी कि 5 से 20 जून तक चलने वाले इस अभियान के तहत जिले भर में एनीकट, एमपीटी, जोहड़, तलाई, वृक्षारोपण और श्रमदान जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिले ने अब तक की प्रगति के आधार पर प्रदेश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। सामूहिक जनभागीदारी का यह प्रयास आने वाले समय में क्षेत्र के पर्यावरणीय संतुलन व जल संकट समाधान में निर्णायक भूमिका निभाएगा।