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राजस्थान का चोर बसाई गांव बना बसाई, इन गांवों के नाम बताने में भी शर्माते थे लोग

गृह मंत्रालय ने हरियाणा के हिसार में स्थित चमारखेड़ा का नाम बदलकर सुंदरखेड़ा आैर राजस्थान के चोर बसाई गांव का नाम बसाई कर दिया है।

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जयपुर/नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने उन सभी गांवों के नाम बदलने की इजाजत दे दी है जिनके नामों को स्थानीय लोग किसी लिंग, समुदाय और नकारात्मक अर्थ होने की वजह से अपमानजनक मानते थे।

सरकार बहुत से आवेदन पर विचार कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से पिछले साल 30 आवेदन मिले थे। इसके तहत अब राजस्थान के चोर बसाई का नाम अब बसाई हो गया है। यह गांव अलवर जिले की किशनगढ़बास तहसील में स्थित है।

राजस्थान से 8 आैर यूपी से 5
मंत्रालय के मिले आवेदनों में से आठ राजस्थान से और पांच-पांच उत्तर प्रदेश और हरियाणा से थे। सरकार ने अब तक मिले आवेदनों में से 21 पर मंजूरी दे दी है और 9 पर विचार किया जा रहा है।

गंदा गांव का नाम अजित नगर

गृह मंत्रालय ने हरियाणा के हिसार में स्थित चमारखेड़ा का नाम बदलकर सुंदरखेड़ा कर दिया है। इसके अलावा हरियाणा के किन्नर गांव का नाम गाईबा नगर और गंदा गांव का नाम अजित नगर कर दिया है।

छात्रा के पत्र पर बदलाव
चंडीगढ़ के गंदा गांव की छात्रा हरप्रीत सिंह ने पिछले साल पीएम को पत्र लिखकर कहा था कि गांव के नाम के कारण उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। इस पर उसके गांव का नाम अजित नगर किया गया।

बिहार के नचनिया गांव का नाम हुआ काशीपुर
बिहार के गांव नचनिया, का नाम बदलकर अब काशीपुर कर दिया गया है। नचनिया गांव रोहतास जिले के राजपुर प्रखंड का है। गत 26 जुलाई को राजपुर के नचनिया गांव के ग्रामीणों के आवेदन पर पंचायत समिति ने इस गांव का नाम बदलकर काशीपुर करने का प्रस्ताव पारित किया और इसकी सूचना राज्य सरकार को दे दी।

नाम बदलने की यह है प्रक्रिया
गांवों या मोहल्ले का नाम बदलने का प्रपोजल पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा राज्य को भेजा जाता है। इसके बाद राज्य सरकार बुनियादी तौर पर जांच करके देखती है कि यह प्रपोजल लोगों की भावनाओं से जुड़ा है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया जाता है। मंत्रालय से अनुमति के बाद सभी सरकारी रिकॉर्ड में इसे बदलने की सूचना भेज दी जाती है।

फाेटाे- प्रतीकात्मक तस्वीर