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Rajasthan Politics: वोट चोरी के आरोपों को लेकर कांग्रेस और केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है। विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके जवाब में चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट की। इस बीच, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं।
दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी का आरोप लगाया था। उन्होंने सबूतों के साथ दावा किया कि कुछ क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की गई, जिससे विपक्ष को नुकसान पहुंचा। जवाब में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताया।
आयोग ने कहा कि राहुल गांधी या तो अपने आरोपों के समर्थन में शपथ पत्र दें या फिर देश को गुमराह करने के लिए माफी मांगें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची से हटाए गए नामों को जिला अधिकारियों की वेबसाइटों पर सार्वजनिक करने की बात भी कही।
राहुल गांधी पर आयोग की सख्ती के बाद कांग्रेस ने इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी एक संवैधानिक पद पर हैं। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से सबूतों के साथ चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए।
चुनाव आयोग ने अपनी गलती स्वीकार करने की बजाय उनसे शपथ पत्र मांगा। इसके बाद भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने भी कुछ सीटों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए पर चुनाव आयोग ने उनसे कोई शपथ पत्र नहीं मांगा।
गहलोत ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ चुनाव आयोग राहुल गांधी से शपथ पत्र मांग रहा है वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को शपथ पत्र के साथ की गईं 18,000 शिकायतों एवं इनकी पावती (रिसीविंग) को सार्वजनिक किया है।
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि चुनाव आयोग ने शपथ पत्र के साथ दी गईं इन शिकायतों पर भी कोई जवाब नहीं दिया बल्कि अब चुनाव आयोग कह रहा है कि उसे कोई शिकायत नहीं मिली।
अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि आयोग का रवैया विपक्षी दलों के खिलाफ है और इससे उसकी भाजपा के साथ सांठ-गांठ स्पष्ट झलकती है। गहलोत ने कहा कि एक निष्पक्ष संस्था के रूप में चुनाव आयोग को सभी दलों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, लेकिन उसके हालिया फैसले पक्षपात की ओर इशारा करते हैं।
वहीं, इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि आयोग ने विपक्ष के आरोपों को गंभीरता से लेने के बजाय उन्हें खारिज करने की जल्दबाजी क्यों दिखाई।
Published on:
19 Aug 2025 12:01 pm
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