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15 साल पुरानी रिपोर्ट… आज तक अमल नहीं… अब धीरे-धीरे गायब हो रहा है जयपुर का परकोटा

Wall city of Jaipur: राज्य सरकार ने परकोटे की दीवार की मौका स्थिति जानने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज (इनटेक) से रिपोर्ट तैयार करवाई। इस रिपोर्ट में सामने आया कि परकोटा 25 फीसदी भी नहीं बचा है।

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walled city of Jaipur

पत्रिका फोटो

Jaipur News: राजस्थान के जयपुर के परकोटा (शहर की दीवार) पर दिनों दिन कब्जे होते जा रहे हैं। इसको संवारने की योजनाएं बनीं और काम भी चालू हुआ, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया। अनदेखी का शिकार परकोटा बरसात में कई बार क्षतिग्रस्त भी हुआ।

अब नए सिरे से इसको दुरुस्त करने की योजना पर हैरिटेज निगम काम कर रहा है। इस योजना पर करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होनेे का अनुमान है। पिछली सरकार में हैरिटेज निगम ने 18 किमी में से 6.4 किमी की दीवार को संवारने का काम शुरू हुआ। इस पर 21 करोड़ रुपए से अधिक निगम को खर्च करने थे, लेकिन एक वर्ष से यह काम बंद है।

25 फीसदी भी नहीं बचा परकोटा

राजस्थान सरकार ने परकोटे की दीवार की मौका स्थिति जानने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज (इनटेक) से रिपोर्ट तैयार करवाई। इस रिपोर्ट में सामने आया कि परकोटा 25 फीसदी भी नहीं बचा है। यह रिपोर्ट तथ्यों के साथ राज्य सरकार को सौंप दी गई।

इसमें साफ लिखा है कि कई जगह लोग दीवार में से पत्थर ले जाते हुए मिले। साथ ही कई जगह दीवार के ऊपर लोगों ने मकान तक बना लिए। रिपोर्ट में साफ लिखा कि अब कार्रवाई का समय आ गया है। अब किसी भी देरी का मतलब होगा कि जो कुछ भी दीवार बची है, उसे हम खो देंगे। इसके बाद भी अब तक निगम ने कोई काम नहीं किया। जबकि, इस रिपोर्ट को सौंपे हुए करीब 15 वर्ष हो चुके हैं।

सुझावों पर भी नहीं हुआ अमल

  • * परकोटा के दोनों ओर 15 फीट दायरे में सभी निर्माण गतिविधियों को रोका जाए।
  • * नए अतिक्रमण नहीं हों और जो पुराने हैं, उनको हटाया जाए।
  • * एक विरासत समिति या टास्क फोर्स का गठन किया जा सकता है।
  • * जो परकोटा बचा है, उसको संरक्षित करने का प्रयास किया जाए।
  • * ऐसा क्षेत्र चिन्हित करें जहां परकोटा के दोनों ओर 15 फीट के क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं है।

यहां बुरा हाल

सांगानेरी गेट के आस-पास, संजय बाजार, ठाकुर पचेवर का रास्ता, घाटगेट के आस-पास, हीदा की मोरी, घोड़ा निकास रोड, शिकारियों की मोरी, गंगापोल गेट के आस-पास, सैय्यद कॉलोनी, नेहरू बाजार से यादगार तक, सिंह द्वार से एमआइ रोड तक, जालूपुरा से तोपखाना का रास्ता, चांदपोल गेट के आस-पास, हरिजन बस्ती, संतोष सागर कॉलोनी।

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हमारे सर्वेक्षण में दीवार का हाल बेहद खराब मिला। इसकी रिपोर्ट हमने राज्य सरकार को भेज दी थी। दिनों दिन दीवार उपेक्षा का शिकार हो रही है। इसको रोका जाना जरूरी है।

धर्मेंद्र कंवर, संयोजक, इनटेक

परकोटा क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का प्लान तैयार करवाया जा रहा है। इसमें दीवार को भी दुरुस्त किया जाएगा। फसाड़ वर्क से लाइटिंग का काम प्रस्तावित है। इस प्लान पर करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

अरुण कुमार हसीजा, आयुक्त, हैरिटेज निगम

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