
शौक दे रहा है शॉक रील्स देखने से कम उम्र में कमजोर हो रही है दूर की दृष्टि
रील देखने की लत बच्चों की आंखों की रौशनी और नींद को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। छोटा बच्चा जब लगातार रोता है तो बच्चे को मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण थमा दिए जाते है। इस से बच्चा शांत बैठ कर घंटो स्क्रीन के सामने बिताने लगता है। लेकिन इतनी कम उम्र से बच्चों को फोन थमाने से उनकी आंखों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मोबाइल में ज्यादातर बच्चें घंटो तक इंस्टाग्राम ,यू ट्यूब पर रील्स, वीडियोस देखते है जिस कारण बच्चों में कंप्यूटर विजन सिंड्रोम पैदा हो रहा है। एनसीबीआइ (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन ) की एक रिपोर्ट के अनुसार 66 % बच्चे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम एवं डिजिटल आई स्ट्रेन के शिकार है। औसतम स्क्रीन टाइम बच्चों का 3 घंटे से ज्यादा है। कोरोना के समय से शुरू हुई मोबाइल स्क्रीन की लत बच्चों की दूर दृष्टि पर असर डाल रही है। बच्चें बाहरी गतिविधियां ,खेल से अब काफी दूर है ज्यादातर बच्चे ई स्पोर्ट्स खेलना पसंद करते है। वे घंटो तक मोबाइल ,लैपटॉप का इस्तेमाल कम दूरी पर रख कर कर रहे है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अनुभूति शर्मा ने बताया कि स्कूल जाने वाले ज्यादातर छोटे बच्चे डिजिटल आई स्ट्रेन, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से ग्रसित हो रहे है। ज्यादतर माता - पिता की यह शिकायतें रहती है कि बच्चों को कक्षा में ब्लैकबोर्ड देखते समय आंखों पर जोर देना पड़ता है, उसके बाद भी स्पष्टता के साथ वे नहीं देख पाते है। इसका कारण यह है कि बच्चों की दूर दृष्टि पर असर हो रहा है। रात को घंटो तक बच्चें फोन, लैपटॉप को आंखों के काफी नजदीक रख कर रील्स, वीडियोस देखते है, लगातार एक टक देखने से बच्चों का निमिष दर (पलक झपकना ) काफी कम हो जाता है। बच्चों की आंखों में सूखापन रहने लगता है , चिड़चिड़ाहट के कारण वे बार - बार आंखों को मसलते है, जिस से अंदरूनी टिश्यू टूट जाते है और बच्चों की दूर दृष्टि पर असर पड़ता है। बच्चों की आंखों में लालपन,उसका लगातार आंखें मसलना ,आखों में चुभन और दर्द रहना यह कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के शुरूआती लक्षणों में शामिल है। लक्षणों को नजर अंदाज करने पर कम उम्र में ही बच्चों को हाई बीम चश्मा चढ़ जाता है।
3 साल के बच्चे का आंखों का नंबर है माइनस 7
जोहरी बाजार निवासी महिला ने बताया कि काफी समय से उनके बच्चें की आंखों से पानी आता था। जैसे ही वो फोन इस्तेमाल करता आंखों से लगातार पानी आने लगता था। उसे फोन पर वीडियोस, रील्स देखने की काफी समय से लत है। अगर उसे फोन ना दिया जाएं तो वो काफी गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है। लेकिन अब 3 साल की उम्र में ही उसकी आंखों का नंबर माइनस 7 आ गया है। उसे धुंधला दिखाई देता है। फिलहाल बच्चे का इलाज चल रहा है।
7 साल की उम्र में केरेटो कोनस से ग्रसित
शास्त्री नगर निवासी महिला ने बताया की उनके बेटे को काफी समय से दोहरी दृष्टि की समस्या हो रही थी। डॉक्टर से परामर्श करने पर दोनों आंखों में माइनस 7 और माइनस 1 नंबर का पता चला। साथ ही अत्यधिक मोबाइल की लत से बच्चें को केरेटो कोनस की बीमारी हो गई।
Published on:
21 Aug 2023 12:52 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
