
Weather Update : उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पश्चिम बंगाल क्षेत्र में सोमवार से कम दबाव का क्षेत्र बनने से मंगलवार से मौसम की गतिविधियों में तेजी होगी। इससे मेघ जयपुर सहित पूरे प्रदेश में मेहरबान होंगे। जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक इस मौसमी तंत्र के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में अगले एक सप्ताह तक मानसून सक्रिय रहने के आसार हैं। मंगलवार को श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, बारां, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही सहित अन्य 15 से अधिक जिलों में तेज बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही सुबह 5 बजे मौसम विभाग ने राजस्थान के 8 जिलों के लिए डबल अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के Prediction के अनुसार मंगलवार 1 जुलाई को भरतपुर, धौलपुर, अलवर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर जिलों के आस-पास के क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर मेघगर्जन संग हल्की से मध्यम व एक दो दौर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली व तेज सतही हवा जिसकी गति 30-50 KMPH रहने की भी संभावना है। इन छह जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
वहीं मौसम विभाग ने राजस्थान के 2 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। जिसके तहत बारां, कोटा जिलों के आस-पास के क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर मेघगर्जन संग हल्की से मध्यम बारिश, आकाशीय बिजली व तेज सतही हवा चलाने की संभावना है। इस दौरान हवा की गति 30-50 KMPH रहने की भी संभावना है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में जयपुर में तेज उमस से लोग परेशान रहे। कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, सीकर समेत कुछ जिलों में दिन में हल्की बारिश हुई, लेकिन यहां भी लोगों को उमस से राहत नहीं मिली। चूरू में मानसून की बारिश ने नया रिकॉर्ड बना डाला। चूरू में एक दिन ही दिन में सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। चूरू में 85.1 मि.मी. दर्ज की गई। यह जून माह में अब तक दर्ज की गई एक दिन में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है। इससे पहले जून माह में 24 जून 1988 को 81.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इसके अलावा श्रीगंगानगर में 18.6, फतेहपुर में 33.5, करौली में 1, झुंझुनूं में 4, पिलानी में 17.2, सीकर में 19.8, पाली में 16 एमएम बारिश दर्ज की गई।
जयपुर का अधिकतम तापमान 34.1, जैसलमेर का 38, बीकानेर का 38.3, संगरिया का 36.7 चूरू का 35.3, श्रीगंगानगर का 40.3,लूणकरणसर का 37.6, पिलानी का 35.6, बाड़मेर का 37.1 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया।
1- जून-सितंबर में दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की वार्षिक वर्षा का लगभग 70 फीसदी लाता है। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण है।
2- खरीफ की बुवाई सहित कृषि गतिविधियों को सक्षम करने और भूजल और जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए यह आवश्यक है।
3- इन चार महीनों के दौरान, सबसे अधिक वर्षा आमतौर पर जुलाई में होती है (दीर्घावधि औसत 280.4 मिमी)। इस वर्ष जुलाई की वर्षा दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत होगी।
Updated on:
09 Jul 2025 06:05 pm
Published on:
01 Jul 2025 06:46 am
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