
Gangster Raju Theth News : जयपुर। राजू ठेहट ने वर्ष 2002 में हर्ष का शराब ठेका लिया था। यहीं से अवैध शराब का कारोबार शुरू कर दिया। शराब कारोबार को लेकर ही खूड़ी शराब ठेके पर गंभीर मारपीट की गई। इस दौरान जानी दुश्मन रहे बलबीर बानुड़ा के परिवार ने ही राजू ठेहट को अपनी सूनी हवेली में रखा था। तब तक बलबीर बानुड़ा, मुकेश सौंथलिया, हरि बानुड़ा आदि एक ही गिरोह में थे। लेकिन वर्ष 2005 में राजू ठेहट व इसके साथियों ने जीणमाता शराब ठेके को लेकर विजयपाल की हत्या कर दी थी। विजयपाल बलबीर बानुड़ा का सालालगता था। इसके बाद से बलबीर बानुड़ा व राजू ठेहट के बीच दुश्मनी बढ़ गई।
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दोनों ने अलग-अलग गैंग बनाकर एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए। इसके बाद राजू ठेहट के गिरोह ने मुकेश सौंथलिया के पास काम करने वाले शीशराम जाट की वर्ष 2006 में हत्या कर दी। शीशराम की हत्या के बाद मुकेश सौंथलिया व हरि बानूड़ा भी राजू ठेहट से दुश्मनी रखने लगे। शीशराम की हत्या का बदला लेने के लिए राजू ठेहट की पैरवी करने वाले गोपाल फोगावट की सीकर शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इस वारदात में हिस्ट्रीशीटर आनंदपाल ने बलबीर बानुड़ा का सहयोग किया। तक से दोनों गिरोहों में खून की प्यास बढ़ गई। बलबीर बानूड़ा के साथी सुभाष बराल ने 2013 में सीकर जेल में राजू ठेहट पर हमला कर दिया। गोली राजू के जबड़े में फंस गई। यहां तक की जब उसे सीकर से जयपुर रैफर किया गया तो रास्ते में एम्बूलेंस भी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, लेकिन राजू बच गया।
इसके बाद राजू के गिरोह ने बीकानेर जेल में बंद आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा पर 2014 में हमला करवाया। इसमें बलबीर बानूड़ा की मौत हो गई, जबकि आनंदपाल बच निकला। इसके बाद 2017 में आनंदपाल को एनकाउंटर में मार गिराया गया, लेकिन दोनों गिरोह में दरार कम होने की बजाय बढ़ती गई।
बलबीर और आनंदपाल के बाद लोरेंस गिरोह सक्रिय हो गया। सुभाष बराल लोरेंस गिरोह में शामिल हो गया। पुलिस का मानना है कि लोरेंस, सुभाष बराल की राजू ठेहट की हत्या में भूमिका है।
Updated on:
04 Dec 2022 02:11 pm
Published on:
04 Dec 2022 02:10 pm
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