
जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय फर्जी पट्टे जारी करने का मामला सचिवालय से लेकर विधानसभा तक खूब गूंजा। खुद नगरीय विकास मंत्री ने माना कि 260 फर्जी पट्टे जारी हुए, लेकिन जांच का दायरा प्रभावी तरीके से आगे नहीं बढ़ा। न तो जनप्रतिनिधि और जनता से शिकायत मांगी गई और न ही एसीबी से जांच कराई गई।
जांच से कई अफसरों की चिंता बढ़ गई। जांच आगे नहीं बढ़े इसके लिए उच्च स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें कई वे अफसर हैं, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निकाय, विकास प्राधिकरण, यूआइटी में उपायुक्त, अधिशासी अधिकारी पद पर रहे।
सरकार सदन में बता चुकी है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय आयोजित अभियान के दौरान कई अनियमितताएं हुई, कई रिकॉर्ड-फाइल गायब हैं। जांच के बाद 260 पट्टे निरस्त कर 25 एफआइआर दर्ज की गई है। जबकि, अभियान के दौरान करीब 13 लाख पट्टे जारी हुए थे। बताया जा रहा है कि धौलपुर में एक साथ 1200 पट्टों की फाइल गायब है।
भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नगरीय विकास मंत्री रहे शांति धारीवाल के विभाग से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स की जांच करने का निर्णय किया है। पिछले दिनों सदन में ही सत्ता पक्ष के सदस्यों और धारीवाल के बीच जमकर नोक-झोंक हुई थी। धारीवाल ने सरकार को चुनौती भरे अंदाज में कहा था कि गड़बड़ी की है तो मुझे नोटिस दो, जांच कराओ और आ जाओ मैदान में।
सैटेलाइट इमेज के जरिए भी फर्जीवाड़ा सामने लाने का दावा किया गया। ताकि, पता किया जा सके कि जिस दिन के आधार पर पट्टे जारी किए गए, उस दौरान वहां योजना या भवन था भी या नहीं।
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Published on:
23 Mar 2025 08:26 am
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