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REET में राजस्थानी भाषा को क्यों नहीं किया जाए शामिल? सुप्रीम कोर्ट ने भजनलाल सरकार से मांगा जवाब

REET 2024: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार, प्रमुख शिक्षा सचिव व रीट समन्वयक को नोटिस जारी कर पूछा है कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2024 में राजस्थानी भाषा को क्यों नहीं शामिल किया जाए?

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REET 2024: जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार, प्रमुख शिक्षा सचिव व रीट समन्वयक को नोटिस जारी कर पूछा है कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2024 में राजस्थानी भाषा को क्यों नहीं शामिल किया जाए?

सुप्रीम कोर्ट ने डॉ कल्याण सिंह शेखावत व पदम मेहता की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि जनगणना- 2011 के अनुसार राजस्थान में 4.36 करोड़ लोग राजस्थानी भाषा बोलते हैं।

देशभर में राजस्थानी भाषा बोलने वालों की संख्या 5.67 करोड़ है। इसके बावजूद रीट में राजस्थानी भाषा को शामिल नहीं किया गया है। इसके विपरीत गुजराती, पंजाबी, सिंधी और उर्दू जैसी कम बोली जाने वाली भाषाओं को रीट में भाषा के रूप में शामिल किया गया है। प

हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका

इस मामले को लेकर हाईकोर्ट मे याचिका दायर की गई, लेकिन उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता पक्ष की ओर से अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स गठित करने की जानकारी दी।

इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 350 ए, शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 29 (2) (एफ) में भी बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाए जाने का उल्लेख है।

मातृभाषा में हो शिक्षण

शिक्षा नीति में भी साफ कहा है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में अधिक तेजी से सीखते है। ऐसे में जहां तक संभव हो 5वीं से 8वीं कक्षा तक शिक्षण का माध्यम बच्चों की मातृभाषा में होना चाहिए।

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