
जयपुर। राजस्थान की राजधानी वाइल्ड लाइफ सफारी के मामले में देश का एक मात्र ऐसा शहर बन गया है जहां एक ही शहर में आपको चार तरह की सफारी का आनंद ले सकते हैं। यह वन्य जीवप्रेमियों की खुशी की बात है कि पर्यटन की नजर में एक लम्बी छलांग है।
जयपुर में आज यानी सात अक्टूबर को टाइगर सफारी का शुभारम्भ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। अब चार सफारी का आनंद देने वाला जयपुर एकमात्र शहर बन गया है।
आपको बता दें कि हाथी गांव में हाथी, झालाना में लेपर्ड और नाहरगढ़ बॉयोलॉजिक पार्क में लॉयन सफारी की सुविधा पहले से ही थी। लेकिन सोमवार से अब टाइगर सफारी की भी सौगात मिल गई।
टाइगर सफारी की सौगात, स्कंदी और भीम से मिल सकेंगे आप
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को जयपुर के नाहरगढ़ में फीता काटकर टाइगर सफारी का शुभारम्भ किया। प्रदेशवासियों को मिली इस सौगात से अब वन्य जीव प्रेमी नाहरगढ़ में टाइगर सफारी का आनंद ले सकेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नाहरगढ़ जैविक उद्यान में दो बाघ शावकों का नामकरण भी किया। मुख्यमंत्री ने मादा बाघ शावक का नाम ‘स्कंदी’ तथा नर बाघ शावक का नाम ‘भीम’ रखा।
विद्यार्थियों को बायोलॉजिकल पार्कों में नि:शुल्क प्रवेश
शर्मा ने प्रदेशवासियों को 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे वन्य जीव सप्ताह की बधाई देते हुए कहा कि वन्य जीवों की रक्षा तथा प्रकृति को संजोए रखना हम सभी का कत्र्तव्य है। इस वन्यजीव सप्ताह में विद्यार्थियों को बायोलॉजिकल पार्कों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और जेडीए के संयुक्त प्रयासों से सोमवार को शुरू हो रही टाइगर सफारी से प्रदेश में पर्यटन को एक नई शुरूआत मिली है। साथ ही, इससे बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा।
राजस्थान में लगभग 130 बाघ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन पर विशेष जोर दे रहा है। प्रदेश में तीन नेशनल पार्क, 26 अभयारण्य, 36 कन्जर्वेशन रिजर्व तथा 4 बायोलॉजिकल पार्क विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाघों के संरक्षण के निरंतर किए जा रहे प्रयासों से उनकी आबादी बढ़ रही है। राजस्थान में लगभग 130 बाघ हैं। उन्होंने कहा कि जेडीए ने जयपुर जिले में दो नए पार्क विकसित किए हैं। जिसमें जीरोता में नगर वन एवं नेवटा के पास बायोडायवर्सिटी पार्क शामिल हैं। इससे आसपास की 5 लाख की आबादी लाभान्वित होगी।
7 किलोमीटर के ट्रैक में वन्यजीव प्रेमी निहारेंगे बाघ को
राज्य सरकार द्वारा 453 लाख रुपए की लागत से 30 हेक्टेयर में टाइगर सफारी विकसित की गई है। इस टाइगर सफारी में 7 किलोमीटर का सफारी ट्रैक विकसित किया गया है। यह सफारी सैलानियों को प्राकृतिक वातावरण में बाघों की खूबसूरती को अनुभव करने का अवसर देगी तथा लोगों में बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता का प्रसार होगा। उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य 5 हजार 240 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जिसमें नाहरगढ़ जैविक उद्यान 720 हेक्टेयर में विकसित किया गया है। इसमें पहले से ही लॉयन सफारी संचालित है।
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Updated on:
07 Oct 2024 06:27 pm
Published on:
07 Oct 2024 06:26 pm
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