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क्या राजस्थान में बंद होंगे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल? 15% ही आवेदन, 85% सीटें जा रहीं खाली; असमंजस में पेरेंट्स

Mahatma Gandhi English Medium School : गत सरकार में अंग्रेजी माध्यमा स्कूल खोले गए थे। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इनका रिव्यू करने के निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिए। इस बीच विभाग की ओर से एक सर्कुल भी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया।

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Mahatma Gandhi English Medium School

Rajasthan Education News : जयपुर। राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की खबरों के बीच अब प्रवेश की धीमी प्रवेश प्रक्रिया ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी है। शिक्षा विभाग ने छह जून तक आवेदन प्रक्रिया पूरी कर तो ली। लेकिन लॉटरी निकालने में चुप्पी साध ली। ऐसे में राज्य के हजारों अभिभावकों सहित 3,737 स्कूल लॉटरी प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। असमंजस यह है कि क्या सरकार इस सत्र अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर पाएगी या नहीं।

दरअसल, 3,737 स्कूलों में करीब छह लाख सीटों पर आवेदन लिए गए थे। लेकिन इस बार अभिभावकों का अंग्रजी माध्यम स्कूलों में रुझान कम देखने को मिला। राजस्थान में 1.20 लाख ही आवेदन आए। यानी इस बार 85 फीसदी सीटें खाली जाएंगी। राज्य के जिला मुख्यालय पर संचालित स्कूलों में ही आवेदन का क्रेज देखने को मिला। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि हमने स्कूलों को रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। बंद नहीं कर रहे। लॉटरी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करवा दी जाएगी। अधिकारियों से बात करेंगे।

स्कूलों का रिव्यू कर रही सरकार

गत सरकार में अंग्रेजी माध्यमा स्कूल खोले गए थे। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इनका रिव्यू करने के निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिए। इस बीच विभाग की ओर से एक सर्कुल भी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया। इसमें कहा कि जहां अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को हिंदी में रूपांतरित करने की मांग की जा रही है वहां फॉर्मेट में जानकारी लिखकर भेजनी होगी।

हर वर्ग के अभिभावक कराते एडमिशन

प्रदेशभर में फैले महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों का प्रवेश हर वर्ग के अभिभावक करा रहे हैं। गत सत्र जयपुर के विद्याधर नगर, गांधी नगर और मानसरोवर के स्कूलों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों ने प्रवेश लिए। ऐसे में अगर इन बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ तो उन्हें हिंदी मीडियम स्कूलों में प्रवेश लेना होगा। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना अधूरा हो जाएगा या फिर निजी स्कूल में महंगी फीस देनी होगी।

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