
जानवरों में इंसानी बीमारियां, पत्रिका फोटो
जयपुर. जानवरों का दिनों-दिन आहार बदल रहा है, घूमना-फिरना भी बंद सा हो गया, इस बदली दिनचर्या ने उन्हें मनुष्य में होने वाली डायबिटीज, थायरॉइड, बहरापन, मोतियाबिंद, त्वचा रोग व कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार बना दिया है, जो चिंता का विषय है। हालांकि राहत की बात यह है कि इन बीमारियों का अब उपचार भी होने लगा है। शहर के पांच बत्ती स्थित पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक में रोजाना इन बीमारियों के शिकार औसतन 200 से अधिक जानवर आ रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक पातलू डॉग हैं। इसके बाद गाय-भैंस हैं। चिकित्सालय के डॉक्टरों के अनुसार, हर माह औसतन 300 से अधिक ऑपरेशन हो रहे हैं, जिनमें 80 से 100 ऑपरेशन बड़े हैं। आगरा रोड स्थित पशु चिकित्सा संकुल में हर माह एक हजार जानवर बीमार आ रहे हैं, उनमें इन बीमारियों से पीड़ित जानवरों की संया बढ़ती जा रही है।
समय पर जानवरों में टीकाकरण करवाएं।
जानवरों की स्वच्छता का नियमित ध्यान रखें।
जानवरों को छूने के बाद साबून से हाथ धोकर ही खाना खाएं।
दूध उबाल कर ही पीना चाहिए।
डायबिटीज में जानवरों को इंसुलिन दे रहे हैं।
कैंसर का इलाज भी होने लगा है।
ट्यूमर निकालने के बाद थैरेपी दी जा रही।
मोतियाबिंद का भी इलाज करवा रहे हैं।
थायरॉइड व बहरापन का भी इलाज होने लगा है।
हड्डी टूटने पर ऑपरेशन व रोड के साथ प्लेट भी लगा रहे।
जानवर पालतू होने से घूम नहीं पाते हैं। रेडीमेड आहार का उपयोग अधिक हो रहा है, जिनमें केमिकल आते हैं। इससे जानवरों में किडनी खराब होने जैसे मामले आ रहे हैं। रेडीमेड फूड में प्रोटीन भी अधिक मात्रा में आता है, जिससे बीमार हो रहे हैं। बड़े जानवरों को भी संतुलित आहार नहीं मिल पा रहा है। - डॉ. धर्मसिंह मीणा, अधिष्ठाता, स्नातकोत्तर पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
खानपान व दिनचर्या ने जानवरों को भी इंसानों के रोगों का शिकार बना दिया है। जानवरों में अब आंखों के रोग बढ़ रहे हैं। बछड़े जन्मजात अंधे पैदा हो रहे हैं। जानवरों में डायबिटीज, बीपी, बहरापन, हृदय रोग व कैंसर जैसे मामले बढ़ रहे हैं।डॉ. सुरेश कुमार झीरवाल, प्रभारी, पशु चिकित्सा संकुल, आगरा रोड
जानवरों की जांच होने लगी तो डायबिटीज, थायरॉइड, मोतियाबिंद व कैंसर जैसी बीमारियों का मालूम चलने लगा है, इलाज भी कर रहे हैं। लोग अब जानवरों में हड्डी टूटने तक का इलाज करवा रहे हैं। चिकित्सालय में लोग रोजाना 200 से अधिक जानवर लेकर आ रहे हैं। - डॉ. जितेन्द्र राजोरिया, उप निदेशक, पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक, पांच बत्ती
Updated on:
04 Oct 2025 01:37 pm
Published on:
04 Oct 2025 01:35 pm
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