एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ दीपक माहेश्वरी का कहना है कि हाईपरटेंशन का कोई एक कारण नहीं है। इसके अलग अलग कारण है। यह जेनेटिक भी हो सकता है या अन्य कारण भी हो सकते है। लेकिन अब 30 वर्ष की उम्र से लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के केस देखने को मिल रहें है। जो चिंताजनक है।
एसएमएस अस्पताल के डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि लोगों को हाई ब्लड प्रेशर को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण कुछ लोग दूसरी बीमारियों का शिकार भी हो जाते है। जिसके जिम्मेदार वह लोग स्वयं भी है। क्योंकी वह इसे नजर अंदाज करते है। पहली बात तो यह है कि अगर मरीज डॉक्टर को दिखा भी लेता है तो वह दवाई रेगुलर नहीं लेता है। क्योंकि उसे लगता है कि वह घरेलु उपाय से सहीं हो जाएगा। दूसरी बात यह है कि लोग घरेलु उपाय से सहीं होने का प्रयास करते है। हम यह नहीं कहते है कि घरेलु उपाय मत करो। लेकिन हमारा कहना है कि डॉक्टर ने जो दवा दी है, उसे समय से लीजिए।
फिजीशियन डॉ रमन शर्मा ने बताया कि लोगों की बिगड़ती जीवनशैली की वजह से हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ रहीं है। लोग मोबाइल से लेकर कंप्यूटर तक पर ज्यादा समय बीता रहे है। जिसका घातक प्रभाव शरीर पर हो रहा है। साथ ही खान पान भी बिगड़ गया है। लोग जंकफूड खा रहे है। स्वाद के चक्कर में सेहत का नुकसान कर रहें है। कई बार छोटे बच्चों में भी हाइपरटेंशन के केस आते है। जिनमें हार्मोंन संबंधित कारण होते है।
डॉक्टर शर्मा ने बताया कि 10 में से लगभग 7 मरीजों में हाइपरटेंशन की समस्या दिखती है। आज के समय में लोग काम में व्यस्त रहते है। रेगुलर स्क्रिनिंग नहीं कराते है। जिसके कारण शरीर पर हाइपरटेंशन का धीरे धीरे घातक प्रभाव दिखने लगता है।
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह बिना किसी लक्षण के शरीर में धीरे-धीरे बढ़ता है और बड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल होने की समस्या हो सकती है। राजस्थान में लाखों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।