
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दुनिया को भारत से सीखने की जरूरत
भारत के यूपीआई और आधार जैसे महत्वपूर्ण और मजबूत नवाचार से पूरी दुनिया को सीखने की जरूरत है। भारत ने ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है, जो दुनिया के कई देशों को अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण और विस्तार करने में मदद करेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यूपीआई, जो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है, जिसने नागरिकों को सब्सिडी को निर्बाध रूप से स्थानांतरित करने का काम किया है। दुनिया भर की सरकारें डीपीआई को लागू करती हैं, और उन्हें भारत को डीपीआई पर एक केस स्टडी बनाना चाहिए।
साइबर सुरक्षा खतरों से डगमगाता है विश्वास
सरकारों के लिए औपचारिक रूप से यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि साइबर सुरक्षा खतरों से नवाचार, आवश्यक सेवाओं में विश्वास और उपभोक्ता विश्वास में बाधा आती है। डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा एक घरेलू मुद्दा नहीं है, बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है। निश्चित रूप से एक वैश्विक प्रोटोकॉल की आवश्यकता है और यह डीपीआई साझेदारी, यह एक भविष्य का गठबंधन भी साइबर सुरक्षा के प्रति हमारे ²ष्टिकोण के भविष्य को आकार देने पर साझेदारी के मुद्दों को संबोधित करेगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भाषा मॉडल जैसी तकनीकों के आगमन के साथ डीपीआई अवसंरचना और भी तेज हो रही है। प्रौद्योगिकी समावेशी हो सकती है और होनी चाहिए और इसे उन लोगों को भी सशक्त बनाना चाहिए, जो दुनिया में विकसित और उन्नत राष्ट्र नहीं हैं।
Published on:
12 Jun 2023 03:48 pm
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