
विश्व सांप दिवस: राजस्थान में सांपों की 37 प्रजातियां, जयपुर में हर दिन पकड़े जाते है 6—7 कोबरा
जयपुर। दुनियाभर में 16 जुलाई को विश्व सांप दिवस मनाया जाता है। भारत में इन दिनों मानसून का दौर जारी है। ऐसे में मानसून में सांपों की सक्रियता सबसे ज्यादा सामने आती है। जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर में सांप सबसे ज्यादा बाहर निकलते है। राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा कोबरा यानी काला नाग निकलता है। स्नेक कैचर रोहित गंगवाल का कहना है कि जयपुर में प्रतिदिन 20 से 25 कॉल आते हैं। इनमें से 5 से 7 स्थानों पर कोबरा पकड़े जाते हैं। जिसका कारण यह है अधिकांश आबादी वाले इलाके अब वहां बस गए हैं जहां पहले जंगल हुआ करते थे। वही अब कोबरा व अन्य सांप लोगों के साथ रहना सीख गए हैं। व लोगों के साथ रहने के आदी हो गए हैं। इसलिए अब आबादी क्षेत्र कोबरा ज्यादा निकलता है।
झाड़फूंक के चक्कर में जान गंवाते है लोग..
कई बार लोगों को विषहीन सांप काट लेते हैं तो लोग झाड़-फूंक वाले के पास चले जाते हैं। विषहीन सांप के प्रभाव से व्यक्ति की मौत नहीं होती है। लेकिन लोगों को यह विश्वास हो जाता है कि झाड़-फूंक के चक्कर में उनके उनके परिजन की जान बच गई। ऐसे में कभी इन पांच प्रजाति के जहरीले नागो में से अगर कोई किसी को काट लेता है तो उस व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। लेकिन लोग उस समय भी अपने व्यक्ति को झाड़ फूंक करने वालों के पास ले जाते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति की जान चली जाती हैं। स्नेक बाइट के मामले उन लोगों की जान ज्यादा गई, जिन्हें सांप डसने के बाद इलाज के लिए अस्पताल ही नहीं ले जाया गया।
सांप डसने पर इन बातों का रखें ध्यान, ताकी बच सके जान
— सांप डसने के बाद व्यक्ति के पास दो घंटे का समय होता है, इसलिए घबराएं नहीं
— सिर्फ डॉक्टर के पास जाएं, झाड़फूंक वालों के पास नहीं जाएं
— पीड़ित को डराएं नहीं, खिलाये—पिलाये नहीं, सोने नहीं दे
— पॉलीवैलेंट एंटी वेनम दवा इसका एकमात्र इलाज है, जो सिर्फ डॉक्टर देता है
राजस्थान में सांपों की 37 प्रजातियां..
राजस्थान में 37 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। इनमें से 32 प्रजाति के सांप विषहीन होते हैं। 5 प्रजाति के सांप जहरीले होते हैं। इनमें कोबरा यानी काला नाग, करेट, फुरसा, घोनस, सिंध जहरीले सांप होते हैं।
Published on:
16 Jul 2023 01:13 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
