10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kabali gram: पैदावार कमजोर, आवक घटी, महंगा हो गया काबली चना

काबली चने की कीमतों में कई दिनों से अच्छी तेजी दर्ज की जा रही है। पिछले एक महीने में चने के दाम 15 रुपए प्रति किलो के करीब महंगे हो गए है। मध्य प्रदेश की उत्पादक मंडियों में नए काबली चने की आवक फिलहाल कमजोर हो गई है।

2 min read
Google source verification
Kabali gram: पैदावार कमजोर, आवक घटी, महंगा हो गया काबली चना

Kabali gram: पैदावार कमजोर, आवक घटी, महंगा हो गया काबली चना

काबली चने की कीमतों में कई दिनों से अच्छी तेजी दर्ज की जा रही है। पिछले एक महीने में चने के दाम 15 रुपए प्रति किलो के करीब महंगे हो गए है। मध्य प्रदेश की उत्पादक मंडियों में नए काबली चने की आवक फिलहाल कमजोर हो गई है। जयपुर की राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा में ब्रांड वाइज काबली चने के भाव बढ़ाकर बोले जा रहे हैं। दाल कारोबारी श्याम नाटाणी ने बताया कि इंडो फ्रैश 95, फिफ्टी-फिफ्टी 115 तथा रॉयल चॉइस काबली चना 120 रुपए प्रति किलो के आसपास बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि 75 फीसदी काबली चने की पैदावार मध्य प्रदेश में होती है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र आदि राज्यों में भी काबली चने का उत्पादन होता है। उत्पादक मंडियों में काबली चने का उत्पादन कम होने तथा हाजिर माल की तंगी के चलते काबली में मजबूती को बल मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काबली चने के भाव तेज होने से इसमें और तेजी के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। हालांकि किसी भी जिंस की सीजन में आई तेजी नुकसानदायक होती है। मगर काबली चने में इस बार प्रतिकूल खबरें आ रही हैं।

यह भी पढ़े: दिवाली पर बढ़ी मिठास, नए गुड़ का श्रीगणेश, चीनी महंगी

काबली चने की फसल हुई लेट
विशेषज्ञों के मुताबिक बिजाई कम होने तथा प्रतिकूल मौसम के कारण काबली की फसल एक माह देरी से आई है। अभी काबली चने की आवक भोपाल एवं इंदौर में कम रह गई है। आंध्र प्रदेश की रायसीमा लाइन में भी काबली चना कम आ रहा है। महाराष्ट्र के अकोला एवं जलगांव में काबली की आवक अपेक्षाकृत कमजोर चल रही है। वर्ष 2019-20 में देश में 20 लाख टन काबली पैदा हुआ था। उसके बाद वर्ष 2020-21 में उत्पादन 15 लाख टन रह गया। इस बार भी 14 लाख टन से ज्यादा पैदावार का अनुमान नहीं है। पुराना स्टॉक काफी कट चुका है। नए माल का मंडियों में प्रैशर नहीं है। इन परिस्थितियों को देखते हुए काबली चने में और तेजी के संकेत बन रहे हैं।