15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू
जैसलमेरPublished: Oct 30, 2021 08:06:10 am
15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू
15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू
पोकरण. कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रय प्राधिकार विषय पर प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को शुरू किया गया, जिसमें जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर जिलों से आए 33 युवा कृषक व इनपुट डीलरों ने भाग लिया। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर रक्षपालसिंह ने शिविर का शुभारंभ करते हुए रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम कर फसल एवं मिट्टी की आवश्यकता के अनुरूप उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने आमदनी एवं रोजगार में इजाफे के लिए कृषि उत्पादोंं के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन में किसानों को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सूक्ष्म पोषक तत्वों, जिंक की बागवानी एवं फसलों में अधिक जरुरत बताते हुए समुचित जल प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग, कम पानी में अधिक पैदावार, मिट्टी नमूनोंं, मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ.प्रकाशसिंह शेखावत ने बताया कि किसान की पूरी पैदावार में बीजों की किस्म एवं पानी का योगदान करीब 45 प्रतिशत रहता है। उन्होंने फसलों एवं पेड़ पौधों के लिए मिट्टी में कुल 16 तरह के आवश्यक पोषक तत्वों के उपलब्ध होने की बात कही। प्राथमिक तत्वों के फसल चक्र में महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ.बलवीरसिंह ने बताया कि उर्वरक मंत्रालय ने खेती के लिए उर्वरकों की बिक्री के नियमों में संशोधन कर लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। नए नियमों के अनुसार एग्रीकल्चर स्नातक युवाओं के साथ 10वीं पास युवा भी उर्वरक बिक्री के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र लेकर लाइसेंस प्राप्त कर सकते है। प्रशिक्षण के दौरान एक बैच में 30 से 35 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। गैरआवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को छह हजार रुपए एवं आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा को 10 हजार रुपए का भुगतान करना होता है। शिविर में वैज्ञानिकों एवं जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की ओर से उर्वरकों की बिक्री के संबंध में विशेष जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक डॉ.कृष्णगोपाल व्यास, सुनील शर्मा, डॉ.रामनिवास ढाका ने भी विचार रखे और विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया।