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ओरण परिक्रमा के दौरान नजर आई 150 प्रजातियां

locationजैसलमेरPublished: Sep 28, 2020 12:10:06 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-थार के मरुस्थल में मौजूद है पक्षियों की ३५० से अधिक प्रजातियां-जैव विविधता को सूचीबद्ध कर तैयार की जाएगी रिपोर्ट

ओरण परिक्रमा के दौरान नजर आई 150 प्रजातियां

ओरण परिक्रमा के दौरान नजर आई 150 प्रजातियां

जैसलमेर. फतेहगढ़ तहसील के देगराय मन्दिर के 600 वर्ष प्राचीन ओरण के संरक्षण और समूचे ओरण को डीम्ड फॉरेस्ट घोषित करवाने के उद्देश्य से निकाली गई ओरण परिक्रमा के दौरान सुखद नजारें देखनेको मिली। यह परिक्रमा लगातार दो दिन 19 व 20 सितम्बर को आयोजित हुई। यह दावा किया जा रहा है कि ओरण परिक्रमा में साथ रहे वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमियों की ओर से विभिन्न प्रजातियों के 150 के करीब देसी-विदेशी पक्षियों को देखा गया है। परिक्रमा में साथ रहे पर्यावरण प्रेमी राधेश्याम विश्नोई व पार्थ जगाणी द्वारा इन पक्षियों का डाटा तैयार किया गया है। ओरण के विस्तृत घास मैदानों, घनी झाडिय़ों, तालाबों व रेतीले धोरों के बीच गोडावण व गिद्धों जैसे अतिसंकटग्रस्त पक्षियों के साथ मंगोलिया, मध्य यूरेशिया व साइबेरिया से आने वाली विभिन्न प्रकार की बत्तखें कॉमन पोचार्ड, नॉर्दर्न शोवलर, गॉडवाल, कॉमन टील, कुरंजा सारस, स्क्रब रोबिन, स्पॉटेड फ्लाई कैचर, नाइटजार, यूरोपियन रोलर, प्रेटिनकोल जैसे दुर्लभ पक्षी भी देखे गए। एक साथ इतनी किस्मों की प्रजातियों के पक्षी इस ओरण में दिखना यहां के पारिस्थितिकी तंत्र की शुद्धता व ग्रामीणों के पारम्परिक पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बताता है। परिक्रमा में साथ रही ईआरडीएस फाउंडेशन की ओर से यहां पर दिखे इन पक्षियों के डाटा और उनके महत्व से क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं और बच्चों को जानकारी दी जाएगी। इन पक्षियों के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता का प्रयास कराया जाएगा, वहीं इस ओरण की सम्पूर्ण जैव विविधता को पंजीकृत करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
थार मरुस्थल में मौजूद है 350 से अधिक पक्षी प्रजाति
राजस्थान के थार मरुस्थल में लगभग 350 से भी ज्यादा पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। सामुदायिक गोडावण संरक्षण परियोजना के तहत पिछले कुछ समय से जैसलमेर के ऐतिहासिक ओरण भुमि की जैव विविधता को सूचीबद्ध करने के लिए ईआरडीएस फाउंडेशन स्थानीय स्तर पर युवाओं के सहयोग से यह कार्य कर रहा है। समुदायिक गोडावण संरक्षण परियोजना से जुड़े वन्य जीव विशेषज्ञ व मानद वैज्ञानिक सलाहकार डॉ सुमित डूकिया बताते हैं कि देगराय माता के ओरण परिक्रमा कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण प्रेमियों ने 150 के करीब पक्षी पक्षियों की पहचान करके उनको सूचीबद्ध किया है। इतनी बड़ी संख्या में यहां पर दुर्लभ और प्रवासी पक्षियों का दिखाई देना, इस भूभाग के पारिस्थिकी महत्व को इंगित करता है।
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