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जैसलमेर की प्यास बुझाने के लिए 200 करोड़ की दरकार

रेगिस्तान के बीच बसे जैसलमेर जिले में हर साल विकराल होता जल संकट जल्द खत्म हो सकता है, बशर्ते सरकार 200 करोड़ की जल योजना को मंजूरी दे दे।

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रेगिस्तान के बीच बसे जैसलमेर जिले में हर साल विकराल होता जल संकट जल्द खत्म हो सकता है, बशर्ते सरकार 200 करोड़ की जल योजना को मंजूरी दे दे। यह महत्वाकांक्षी योजना मोहनगढ़ नहर (आरडी 1435) से गजरूपसागर फिल्टर प्लांट तक नई पाइपलाइन बिछाने और गजरूपसागर तालाब को झील के रूप में विकसित करने की है। जैसलमेर शहर की जलापूर्ति इंदिरा गांधी नहर की बाड़मेर लिफ्ट योजना से होती है, लेकिन जब भी बिजली आपूर्ति बाधित होती है, शहर की प्यास बुझाना मुश्किल हो जाता है। जल संग्रहण केंद्र न होने के कारण गर्मी में ही नहीं, सर्दियों में भी पानी की भारी किल्लत बनी रहती है। अगर मंजूरी मिली, तो होगा बड़ा बदलाव

योजना में क्या होगा खास?

  • 450 एमएम की नई पाइपलाइन - मोहनगढ़ नहर से गजरूपसागर तक बिछेगी।-गजरूपसागर बनेगा जल संग्रहण केंद्र - 225 एमएल पानी स्टोर होगा, जो 15 दिन की जलापूर्ति के लिए पर्याप्त होगा।-अतिरिक्त फिल्टर प्लांट और पंप हाउस - शहर की बढ़ती मांग के अनुरूप नए संयंत्र बनाए जाएंगे।… इसलिए जरूरी है यह योजना?20 किमी पुरानी पाइपलाइन जर्जर
  • देवा माइनर से जल आपूर्ति ठप।

-डाबला नलकूपों का जलस्तर गिरा

  • भूमिगत जल स्रोत भी खत्म होने की कगार पर।

सेना, रेलवे और टूरिज्म का दबाव - लाखों पर्यटकों और सैन्य ठिकानों की वजह से मांग कई गुना बढ़ी।

नहरबंदी और बिजली संकट - हर साल नहरबंदी और बिजली ट्रिपिंग से शहर में हाहाकार मचता है।

मिलेगी स्थायी राहत

यदि यह योजना बजट में स्वीकृत हो जाती है, तो शहर को स्थायी राहत मिलेगी। मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी मंजूरी की मांग की है।

-छोटूसिंह भाटी, विधायक जैसलमेर