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Pokhran Nuclear Test: भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण की सिल्वर जुबली आज, 25 साल पहले दुनिया ने देखी थी भारत की ताकत

Pokhran Nuclear Test: भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण की आज सिल्वर जुबली मनाई जा रही है। परमाणु परीक्षण के बाद ही पोकरण और खेततोलाई को नई पहचान मिली, लेकिन 25 साल पूरे होने के बाद भी गांव के हालात जस के तस हैं।

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पोकरण (जैसलमेर)। Pokhran Nuclear Test: भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण की आज सिल्वर जुबली मनाई जा रही है। परमाणु परीक्षण के बाद ही पोकरण और खेततोलाई को नई पहचान मिली, लेकिन 25 साल पूरे होने के बाद भी गांव के हालात जस के तस हैं। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध इस गांव में सुविधाओं की भारी किल्लत होने से ग्रामीणों को पीड़ा होती है। ग्रामीणों का मानना है कि परमाणु विकिरण से फैलने वाली बीमारियों के संबंध में उपखंड मुख्यालय पर विशेष जांच की व्यवस्था की जाए, लेकिन आज तक उन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

11 और 13 मई देश के रणनीतिक गौरव के दिन थे, जब 25 साल पहले 1998 में भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की ओर से पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में लगातार पांच परमाणु बम विस्फोट कर अपनी सामरिक ताकत का परिचय दिया था। भारत एक परमाणु शक्ति के रूप में फिर से उभरा था और पूरी दुनिया को ताकत दिखाई।

आज से 25 साल पहले भारत सरकार ने 11 मई को दो और 13 मई को तीन परमाणु परीक्षण किए थे। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज के खेतोलाई गांव के पास हुए परमाणु विस्फोट के बाद विश्व स्तर पर पहचान बनाने वाले पोकरण अनुमंडल के खेतोलाई गांव के लोग आज भी शौर्य और पराक्रम के उस दिन को याद कर गौरवान्वित महसूस करते हैं. आज उसी परमाणु परीक्षण की 25वीं बरसी है। पहला परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।

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दोपहर करीब पौने तीन बजे अचानक सेना खेतोलाई गांव के पास आ गई और मिनटों में पूरे गांव में फैल गई। गांव के घरों में बैठे लोगों को बाहर आ कर पेड़ों के नीचे जाने को कहा। करीब पौने तीन बजे जोरदार धमाका हुआ और गांव से करीब दो किमी उत्तर में स्थित पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज की ओर आसमान में धुएं का गुबार उठता देखा गया। तेजधार बम के फटने से गांव समेत आसपास के इलाके की जमीन दहल उठी। जमीन में कंपन के साथ घरों में रखा सामान नीचे गिर गया और कई घरों व भूमिगत टैंकों में दरारें भी देखी गईं।

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धमाके के 15 मिनट के अंदर ही सेना के तमाम अधिकारी और जवान गाडिय़ों में सवार होकर बिना कुछ बताए गांव के फील्ड फायरिंग रेंज की ओर चले गए।कुछ ही देर बाद जब प्रधानमंत्री ने पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में किए गए परमाणु परीक्षण की जानकारी टीवी चैनलों और रेडियो पर दी तो उसी दिन खेतोलाई गांव सुर्खियों में आ गया।