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प्रदेश के 3737 स्कूल, 17,500 पद खाली और 7 लाख बच्चों का भविष्य असमंजस में

सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य में 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालयों के भविष्य पर जिम्मेदारों की चुप्पी और अभिभावकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य में 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालयों के भविष्य पर जिम्मेदारों की चुप्पी और अभिभावकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की न रिपोर्ट सार्वजनिक हुई और न ही शिक्षा विभाग को कोई निर्देश जारी हुए हैं।

अप्रेल निकल रहा, अब तक कोई प्रवेश सूचना नहीं

गौरतलब है कि पिछले सत्र में इन स्कूलों में करीब 7 लाख बच्चों का नामांकन हुआ था। इस बार अप्रेल बीत गया, फिर भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। शाला दर्पण पोर्टल पर आवेदन शुरू होने की कोई सूचना नहीं। स्कूलों में भी कोई समय सारिणी नहीं पहुंची। आमतौर पर मई में आवेदन शुरू होते हैं, लॉटरी के बाद चयनित सूची जारी होती है। अब तक न आवेदन खुले, न लॉटरी की तारीख तय हुई। अभिभावक असमंजस में हैं।

हकीकत : 25 अगस्त को परीक्षा, अब तक नियुक्ति नहीं

पिछले साल 25 अगस्त को 17500 रिक्त पदों के लिए शिक्षक चयन परीक्षा हुई। 79 हजार से ज्यादा ने आवेदन किया, 51 हजार से अधिक ने परीक्षा दी। बाद में 30 हजार तक नियुक्ति का संकेत मिला। सत्र पूरा हो गया, फिर भी चयनितों को पोस्टिंग नहीं मिली। न कोई सूची जारी हुई, न कोई दिशा स्पष्ट हुआ। विभागीय सूत्र बताते हैं कि न विभाग की ओर से कोई ठोस निर्देश आए और न ही स्कूलों को स्थिति स्पष्ट की गई। प्रवेश और नियुक्तियों को लेकर स्थिति जितनी असमंजसपूर्ण है, उतनी ही चिंताजनक भी।

कुछ भी स्पष्ट नहीं

महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द प्रवेश प्रक्रिया और शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर फैसला ले, ताकि शिक्षा व्यवस्था सामान्य हो सके।
-प्रकाश विश्नोई, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान पंचायतीराज और माध्यमिक शिक्षक संघ