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6 नई समितियों और 42 पंचायतों के प्रस्ताव,विशाल जिले में कम होगी भौगोलिक दूरियां

जैसलमेर. जिले के बाशिंदों के लिए पंचायतीराज सेटअप में पहली बार दूरियां कम करने की कवायद की जा रही है। पंचायतों के पुनर्सीमांकन की कवायद के चलते इस बार जैसलमेर में 6 नई पंचायत समितियां और 42 ग्राम पंचायतों के सृजन का प्रस्ताव लिया गया है। ऐसा होने पर जैसलमेर में 9 पंचायत समितियां और 192 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आ जाएंगी।

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6 नई समितियों और 42 पंचायतों के प्रस्ताव,विशाल जिले में कम होगी भौगोलिक दूरियां

जैसलमेर. जिले के बाशिंदों के लिए पंचायतीराज सेटअप में पहली बार दूरियां कम करने की कवायद की जा रही है। पंचायतों के पुनर्सीमांकन की कवायद के चलते इस बार जैसलमेर में 6 नई पंचायत समितियां और 42 ग्राम पंचायतों के सृजन का प्रस्ताव लिया गया है। ऐसा होने पर जैसलमेर में 9 पंचायत समितियां और 192 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आ जाएंगी। 1959 में पंचायतीराज व्यवस्था के लागू होने के बाद से इस सीमावर्ती जिले में तीन पंचायत समितियां जैसलमेर, सम और सांकड़ा ही संचालित की जा रही हैं। अब नाचना, भणियाणा, फलसूंड, मोहनगढ़, फतेहगढ़, रामगढ़ में नई पंचायत समितियां प्रस्तावित की गई हैं।
यह बनेंगी नई समितियां
जैसलमेर जिले में ग्राम पंचायतों के पुनर्सीमांकन के लिए प्रारूप का प्रकाशन कर दिया गया है। इस पर आमजन 29 अगस्त तक अपनी आपत्ति उपखंड अधिकारी, तहसीलदार या जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। जिला कलक्टर नमित मेहता के अनुसार प्रकाशित किए गए प्रारूप को संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, उपखंड अधिकारी कार्यालय, तहसील एवं जिला परिषद के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में 3 पंचायत समितियों के साथ ग्राम पंचायतों की संख्या 140 है। उन्होंने बताया कि प्रारूप प्रकाशन के अनुसार जैसलमेर पंचायत समिति में 20, मोहनगढ़ में 18, नाचना में 20, फतेहगढ़ में 28, रामगढ़ में 20, सम में 20, सांकड़ा में 23, भणियाणा में 21 तथा फलसूण्ड पंचायत समिति में 22 ग्राम पंचायतें शामिल होगी। इस तरह से अब जिले में १९२ ग्राम पंचायतों का प्रस्ताव लिया गया है। वर्तमान में सम पंचायत समिति में सर्वाधिक ५२ तथा सांकड़ा और जैसलमेर में 44-44 ग्राम पंचायतें समाहित हैं।
प्रशस्त होगी विकास की राह
जैसलमेर जिले में नई पंचायत समितियों के गठन का सीधा लाभ ग्रामीण आबादी को मिलेगा। क्षेत्र से समिति मुख्यालय की दूरी कम होने से लोगों के कामकाज ज्यादा सुविधाजनक ढंग से संपन्न होने के साथ समिति स्तर पर जारी होने वाली सरकारी राशि भी ज्यादा मिलेगी। वर्तमान में जैसलमेर पंचायत समिति में पोकरण विधानसभा क्षेत्र के नोख और नाचना इलाके आते हैं। यह विसंगति अब दूर हो सकेगी। नोख की दूरी जैसलमेर से कोई 225 किलोमीटर है। ग्रामीण विकास की योजनाओं की मोनेटरिंग भी पुख्ता करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि मौजूदा सरकार ने मरुस्थलीय जैसलमेर जिले की विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर जनसंख्या की सीमा में रियायत दी है।
उठ रहे विरोध के भी स्वर
जैसलमेर जिले में झिनझिनियाली में नई पंचायत समिति नहीं बनाए जाने से इस दूरस्थ क्षेत्र के लोगों में निराशा की स्थिति है। वे आपसी बातचीत और सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयान कर रहे हैं। दरअसल जिले की झिनझिनियाली व नोख को छोडक़र उपतहसील मुख्यालयों पर नई समितियां गठित करने का प्रस्ताव किया गया है। नोख उपतहसील के नाचना में समिति बनाने का प्रस्ताव लिया गया है। झिनझिनयाली क्षेत्र के बाशिंदों का कहना है कि लगभग सभी प्रस्तावित नई समितियों में औसतन 20 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है, जबकि फतेहगढ़ में सबसे ज्यादा 28 पंचायतें हैं। वहां की 8 पंचायतों को कम कर तथा कुछ नई ग्राम पंचायतें बनाकर झिनझिनियाली में पंचायत समिति सृजित की जा सकती थी। ऐसे ही लगभग सभी ऐसी पंचायतें जिनकी जनसंख्या 4000 से ज्यादा है, वहां नई ग्राम पंचायत सृजित की जा रही है, लेकिन झिनझिनियाली, कुंडा और बईया पंचायतों में जनसंख्या के इस मापदंड को अनदेखा किया गया है।