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पोकरण अस्पताल में 95 पद रिक्त, सर्दी में बढ़ी मरीजों की परेशानी

नवंबर माह की शुरुआत के साथ ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। सुबह-शाम की गुलाबी सर्दी और दोपहर की तीखी धूप के बीच मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है।

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नवंबर माह की शुरुआत के साथ ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। सुबह-शाम की गुलाबी सर्दी और दोपहर की तीखी धूप के बीच मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। बदलते मौसम के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार और वायरल जैसी मौसमी बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी के चलते पोकरण स्थित राजकीय जिला चिकित्सालय की ओपीडी में प्रतिदिन 800 से 900 तक मरीज पहुंच रहे हैं।

मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की भारी कमी परेशानी का बड़ा कारण बन गई है। अस्पताल में कुल 158 स्वीकृत पदों में से केवल 63 ही भरे हुए हैं, जबकि 95 पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में दूर-दराज़ के गांवों से आने वाले मरीजों को लंबा इंतजार और सीमित सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में वरिष्ठ विशेषज्ञों के तीन पदों में से केवल एक स्त्री रोग विशेषज्ञ कार्यरत है, जबकि सर्जन और मेडिसिन विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। कनिष्ठ विशेषज्ञों में निश्चेतन, शिशु रोग और ऑर्थो के पद तो भरे हैं, पर ईएनटी, दंत रोग, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। चिकित्साधिकारी के 18 पदों में से भी केवल 8 ही भरे हुए हैं।

यहां भी स्थिति निराशाजनक

पैरामेडिकल और सहायक स्टाफ की स्थिति भी निराशाजनक है। नर्सिंग श्रेणी, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, रेडियोग्राफर और नेत्र सहायक जैसे संवर्गों में आधे से अधिक पद खाली हैं। दवा वितरण, इंजेक्शन और ड्रिप लगाने जैसे कार्य सीमित स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं।

हकीकत यह भी

सबसे गंभीर स्थिति सफाई व्यवस्था की है। अस्पताल में स्वीकृत आठ सफाईकर्मियों में से एक भी पद भरा नहीं है। ठेके पर सफाई की व्यवस्था की गई है, लेकिन कई बार गंदगी और अव्यवस्था के कारण मरीजों व परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ती है। अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक भी अवकाश पर चले जाएं तो स्थिति और बिगड़ जाती है। ऐसे में कई मरीजों को मजबूरी में जोधपुर जैसे बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।