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पोकरण मरु महोत्सव में करीब डेढ़ माह शेष, समय पर हो तैयारी… तो लौट सकता है दर्शकों का भरोसा

परमाणु नगरी पोकरण में हर वर्ष होने वाला एक दिवसीय मरु महोत्सव लगातार हर साल हो रही अव्यवस्थाओं के कारण आकर्षण खो रहा है।

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परमाणु नगरी पोकरण में हर वर्ष होने वाला एक दिवसीय मरु महोत्सव लगातार हर साल हो रही अव्यवस्थाओं के कारण आकर्षण खो रहा है। दर्शकों की संख्या में आई गिरावट अब चिंता का विषय बन चुकी है। महोत्सव में डेढ़ माह का समय शेष है, ऐसे में यदि समय रहते तैयारी शुरू की जाए तो कार्यक्रम के आकर्षण और भीड़ का ठहराव दोनों को बढ़ाया जा सकता है। जैसलमेर के तीन दिवसीय मरु महोत्सव से पहले पोकरण में कई वर्षों से एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। शोभायात्रा, लोकगीत प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात में सेलिब्रिटी नाइट मुख्य आकर्षण होते हैं। बावजूद इसके व्यवस्थाओं की कमी के कारण हर बार दर्शकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। जिससे भीड़ साल-दर-साल कम होती जा रही है।

पूर्व आयोजन और बदलता स्वरूप …उभरी समस्याएं भी

पोकरण में वर्ष 2008 और 2009 में मरु महोत्सव आयोजित हुए थे। इसके बाद 2019 और 2020 में कार्यक्रम हुआ, जबकि 2021 में आयोजन स्थगित हो गया। वर्ष 2022 से लगातार पोकरण मरु महोत्सव का आगाज स्थल बना हुआ है। वर्ष 2023 में दिन में पोकरण और रात में लोहारकी के धोरों पर कार्यक्रम हुआ, लेकिन अव्यवस्थाएं लगातार बनी रहीं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कड़ी धूप के बीच छाया का अभाव दर्शकों को अधिक देर रुकने नहीं देता। पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से पर्यटक और स्थानीय लोग बोतलें खरीदने या घरों से पानी लाने को मजबूर होते हैं। बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। महोत्सव लोक संस्कृति की पहचान है, लेकिन कुछ वर्षों से कार्यक्रमों में कोई नवाचार नहीं दिखा। सीमित संख्या में बाहरी कलाकार और स्कूली कार्यक्रम दर्शकों को अपनी ओर खींच नहीं पाते। प्रतियोगिताओं के दौरान मंच पर भीड़ पहुंच जाना प्रतिभागियों का ध्यान भंग करता है। गत वर्ष शोभायात्रा के बाद कई अधिकारी कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंचे तो जनप्रतिनिधि बीच कार्यक्रम ही रवाना हो गए। मंच पर केवल स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और कुछ आमजन ही नजर आए। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की गैरमौजूदगी से कार्यक्रम का महत्व कम होता है और दर्शकों का उत्साह भी घट जाता है।

हकीकत: कमजोर प्रचार-प्रसार..इसलिए नहीं पहुंचते मेहमान

जैसलमेर का मरु महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है, लेकिन पोकरण के आयोजन में विदेशी पर्यटक तो दूर देशी पर्यटक भी नहीं दिखाई देते। सोशल मीडिया अभियान, पर्यटन विभाग का प्रचार और सूचना प्रसार बेहद कमजोर रहा, जिसका सीधा असर भीड़ पर पड़ा। सुविधाओं में सुधार, छाया, पेयजल, साफ-सफाई, सुरक्षा, बैठने की व्यवस्था और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में नवाचार शामिल कर आयोजन को आकर्षक बनाया जा सकता है।

बैठक में होगा मंथन, करेंगे बेहतर प्रयास

महोत्सव को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। छाया, पानी और प्रबंधन की जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। इस बार व्यापक प्रचार-प्रसार कर बाहरी पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा।

  • हीरसिंह चारण, उपखंड अधिकारी, पोकरण