
जोधपुर से पोकरण पहुंचे पदयात्री संघ की ओर से गत दो दिनों से कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे पोकरण में चारों तरफ बाबा के जयकारे गूंज रहे है और माहौल भी धर्ममय हो गया है। बाबा रामदेव के भादवा मेले में इन दिनों रामदेवरा सहित पोकरण में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। जोधपुर से आने वाले पदयात्री संघ रामदेवरा में बाबा की समाधि के दर्शनों से पूर्व पोकरण में एक रात्रि विश्राम कर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते है। ऐसे में रामदेवरा के साथ पोकरण में भी मेले जैसा माहौल देखने को मिलता है। जोधपुर सोजती गेट सर्वसमाज पदयात्री संघ के सैकड़ों सदस्य बुधवार को पोकरण पहुंचे और बुधवार व गुरुवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। पदयात्रियों के पड़ावस्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान में गत दो दिनों से चहल पहल लगी हुई है। गौरतलब है कि बुधवार को सोजती गेट के 36 कौम पदयात्री संघ के अलावा जोधपुर के अन्य हिस्सों व समाजों के संघ पोकरण पहुंचे थे। जिन्होंने झंडा रैली निकाली थी। जिसके बाद बुधवार को दिन भर कस्बे के मुख्य मार्ग पदयात्रियों से अटे नजर आ रहे थे। हालांकि अन्य पदयात्री संघ गुरुवार को अलसुबह रामदेवरा के लिए रवाना हो गए, लेकिन सोजती गेट संघ गुरुवार को पूरे दिन पोकरण में ही रहा और कई कार्यक्रम आयोजित हुए।
सर्वसमाज के इस संघ की ओर से गत कई वर्षों से पोकरण में पड़ाव स्थल पर बाबा रामदेव के विवाह की रस्म अदा की जाती है। इसी के तहत संघ के सदस्यों ने बुधवार को मध्यरात्रि में पड़ाव स्थल पर बाबा रामदेव के विवाह प्रसंग का आयोजन किया। इस दौरान कलाकारों ने बाबा रामदेव व राणी नैतलदे के रूप में स्वांग रचकर विवाह की रस्म अदा की। इसके अलावा पूरी रात जागरण का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु भजनों पर झूमते रहे।
कस्बे के राउमावि मैदान में डाले गए पड़ाव के दौरान कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गुरुवार को महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी रचाई। इसके अलावा भजन गायकों ने दिनभर भजनों की प्रस्तुतियां दी। जिस पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमते नजर आए। इसके साथ ही सैकड़ों पदयात्रियों ने भजनों का आनंद लेते हुए दिन भर विश्राम किया।
प्रतिवर्ष आने वाले इस संघ के सदस्यों ने बताया कि यह संघ जोधपुर से आने वाला सबसे पुराना पैदल यात्री संघ है, जो गत चार दशकों से लगातार मेले के दौरान यहां आता है और बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन व प्रसादी के बाद जोधपुर रवाना होता है। उन्होंने बताया कि इस संघ में एक अनूठी परंपरा रही है कि संघ में आने वाले सभी पुरुष व महिलाएं अपने आप को भाई बहन मानते हुए साथ चलते है और पोकरण में रक्षाबंधन का पर्व मनाते है। जोधपुर से पोकरण तक आठ दिन के पैदल सफर में सभी यात्री भाई बहिन की तरह साथ रहते है। पोकरण में पड़ाव के मौके पर महिलाओं की ओर से अपने साथ आए पुरुषों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर हर्षोल्लास के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। गुरुवार को यहां पदयात्री संघ के साथ आई महिलाओं ने पुरुष पदयात्रियों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर तीर्थस्थल पर धर्मभाई बनाने की रस्म निभाई।
जोधपुर से पदयात्री संघों के साथ ही कपड़े के घोड़े लेकर श्रद्धालु रवाना होते है। साथ ही एक वाहन में बाबा रामदेव का मंदिर सजाया होता है, जिसमें प्रतिदिन सुबह व शाम पूजा-अर्चना की जाती है। कपड़े के घोड़ों को पड़ाव स्थल पर मंदिर के साथ सजाकर रखा जाता है। कस्बे के राउमावि मैदान में ये घोड़े आकर्षण का केन्द्र रहे। इसी प्रकार गुरुवार को दोपहर दो बड़े कपड़े के घोड़े लेकर पदयात्री पोकरण पहुंचे। इन घोड़ों की ऊंचाई 15 से 17 फीट है और इनका वजन एक क्विंटल से भी अधिक है। इन घोड़ों को भी राउमावि मैदान में पड़ाव स्थल पर लाकर रखा गया, जो आकर्षण का केन्द्र बन गए।
Published on:
12 Sept 2024 11:20 pm
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