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जैसलमेर

सरहद के बाशिंदे मांग रहे बेहतर स्वास्थ्य, मेडिकल कॉलेज के इंतजार में जैसलमेर जिला

भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर जिले में उच्चस्तरीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं आज तक एक सपना ही बनी हुई हैं। जिला अस्पताल जवाहिर चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों का वर्षों से टोटा चल रहा है। जिसके कारण गंभीर रोगों का उपचार करवाने के लिए जोधपुर या किसी अन्य शहर जाना विवशता बना हुआ है।

जैसलमेरJun 02, 2024 / 07:32 pm

Deepak Vyas

medical collage
भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर जिले में उच्चस्तरीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं आज तक एक सपना ही बनी हुई हैं। जिला अस्पताल जवाहिर चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों का वर्षों से टोटा चल रहा है। जिसके कारण गंभीर रोगों का उपचार करवाने के लिए जोधपुर या किसी अन्य शहर जाना विवशता बना हुआ है। अब सीमांत जिलावासियों की सारी उम्मीदें रामगढ़ बाइपास पर बन रहे मेडिकल कॉलेज और 345 बेड्स वाले नए जिला अस्पताल पर टिकी हुई हैं। ये दोनों कार्य 31 मार्च, 2025 तक पूरे होने का लक्ष्य निर्धारित है। जानकारी के अनुसार 150 सीटें प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए निर्धारित है। इसका मतलब यह है कि आज चिकित्सकों के लिए तरस रहे जैसलमेर में आने वाले कल में चिकित्सक तैयार होंगे। मेडिकल कॉलेज के लिए पहले चरण में 159 करोड़ रुपए की लागत से कार्य करवाया जा रहा है और एकेडमिक ब्लॉक्स सहित अन्य निर्माण तेजी से हो रहे हैं। साथ ही अस्पताल का कार्य भी शुरू है। जिस पर करीब 110 करोड़ रुपए की लागत आएगी। गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संयुक्त तौर पर इन निर्माण कार्यों के लिए 325 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय किया हुआ है। जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत के लिए जरूरी लाइसेंस जारी करवाने की कवायद की जाएगी। जिम्मेदारों की मानें तो यहां अगले सत्र से मेडिकल के विद्यार्थियों का प्रवेश व अध्ययन कार्य शुरू हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास

गत वर्ष जुलाई के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के सीकर शहर से वर्चुअल तौर पर अन्य कई विकास कार्यों के साथ जैसलमेर के रामगढ़ मार्ग पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था।
  • पहले चरण में मेडिकल कॉलेज और दूसरे में यहां 345 बेड की क्षमता वाला जिला चिकित्सालय बनाया जाना है। इसके साथ ही आखिरकार जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का सपना साकार होने की दिशा में आगे बढ़ा। – केंद्र सरकार ने साल 2019 में राजस्थान सरकार की अनुशंषा पर जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने की घोषणा की थी।
  • घोषणा के बाद ही जैसलमेर में रामगढ़ मार्ग पर यूआइटी की ओर से 55 बीघा जमीन का आवंटन किया गया था।
  • कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से यह बड़ा प्रोजेक्ट थम सा गया। कोरोना का दौर बीतने के बाद भी कई कारणों से मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण कार्य शुरू होने में देरी हुई।
  • राज्य सरकार की एजेंसी राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम लि. आरएसआरडीसी की जैसलमेर यूनिट की तरफ से यह कार्य करवाया जा रहा है।
  • कुल 325 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी क्रमश:60 व 40 प्रतिशत की होगी।
  • मेडिकल कॉलेज के पहले चरण में 47975 वर्गमीटर में निर्माण करवाया जा रहा है व 345 बेड का अस्पताल 35419 वर्गमीटर में निर्माण होगा।
  • मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक ब्लॉकए छात्र व छात्राओं के लिए हॉस्टल, रेजिडेंट हॉस्टल व मेस ब्लॉक बनेंगे। सहायक आचार्य, आचार्य और गैरशैक्षणिक स्टाफ के निवास, खेल का मैदान व अन्य कार्य भी करवाए जाएंगे।
  • 345 बेड का अस्पताल भूतल से तीसरी मंजिल तक होगा, जिसमें भूतल पर ऑथो, सर्जिकल, आइईएनटी, स्किन व पीएसवाईए पलमोनरी ओपीडीए सेंट्रल लैब, मेडिकल ओपीडी, फार्मेसी स्टोरेज, ब्लड बैंक रेडियोलॉजी तथा 30 बेड वाला इमरजेंसी वार्ड बनाया जाएगा। प्रथम तल पर 50 बेड ऑर्थो, 40 बेड सर्जरी, 90 बेड मेडिसिन, 10-10 बेड एमईडी, पीएसवाई, डर्मा, आई, ईएनटी व पलमोनरी के लिए लगाए जाएंगे। दूसरे तल पर ओटी कॉम्पलेक्स, 5 फैकल्टी कक्ष, 15 बेड का आईसीयूए 16 बेड का सर्जरी वार्ड व मेडिकल रिकॉर्ड सेक्सन एवं प्रशासनिक कक्षए मोर्चरी, किचन, बीएमडब्ल्यू व लॉन्ड्री होगी।
    अभी यह है हालत
  • जैसलमेर के जिला अस्पताल में लम्बे समय से नेत्र विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट और मानसिक रोग विशेषज्ञ आदि के पद रिक्त ही चल रहे हैं। इसके अलावा नेफ्रोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, कॉर्डियोलॉजिस्ट आदि की सेवाएं नए मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद ही नए अस्पताल में संभव हो पाएगी।

    गतिपूर्वक करवाए जा रहे कार्य
  • जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण आगामी वर्ष 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा। ऐसे ही निर्माणाधीन अस्पताल का निर्माण अगले वर्ष मई-जून तक पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद शेष कार्य हाथ में लिए जाएंगे।
  • महेन्द्र सोलंकी, परियोजना निदेशक, आरएसआरडीसी, जैसलमेर

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