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प्रतिबंधित क्षेत्रों में बेपरवाह आवाजाही, सुरक्षा पर सवाल

बिना अनुमति संवेदनशील इलाकों तक पहुंचना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है।

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सरहदी जिले के प्रतिबंधित क्षेत्रों में बाहरी लोगों की आवाजाही लगातार जारी है। बिना अनुमति संवेदनशील इलाकों तक पहुंचना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है। हाल ही में एक संदिग्ध व्यक्ति नाचना क्षेत्र में पकड़ा गया, जिससे यह मामला फिर चर्चा में आ गया। यह कोई पहला मामला नहीं है, जब प्रतिबंधों के बावजूद कोई बाहरी व्यक्ति इन इलाकों में घुसा हो। सवाल यह है कि कड़े नियमों के बावजूद इन इलाकों में बेरोकटोक प्रवेश कैसे हो रहा है?

प्रवेश के सख्त नियम, फिर भी अनदेखी

-सरहदी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्रिमिनल संशोधन एक्ट 1996 के तहत अधिसूचित थाना क्षेत्रों में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर सख्त पाबंदी है।
-बिना अनुमति प्रवेश करने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
-एसडीएम, पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार और थाना अधिकारी से सत्यापन के बाद ही अधिकतम 15 दिनों की अनुमति दी जाती है।

  • 2008 में बॉर्डर बेचने के मामले के बाद इस कानून को और कड़ा किया गया।बेरोकटोक आवाजाही के कारण-अनुमति प्रक्रिया जटिल होने के कारण कई लोग नियमों का पालन नहीं करते।-निजी बसों और किराए के वाहनों से आसानी से इन गांवों तक पहुंचा जा सकता है।-स्थानीय होटल और गेस्ट हाउस संचालक प्रतिबंधित क्षेत्रों की जानकारी नहीं देते।
  • ग्रामीण संस्कृति देखने के नाम पर कई पर्यटक अनजाने में संवेदनशील इलाकों में पहुंच जाते हैं।प्रतिबंधित क्षेत्रों की सूचीजिले के 8 थाना क्षेत्रों के करीब 350 गांव प्रतिबंधित हैं, जिनमें झिझनियाली क्षेत्र के 40 गांव, खुहड़ी क्षेत्र के 65, सम क्षेत्र के 35, शाहगढ़ क्षेत्र के 68, रामगढ़ क्षेत्र के 32, मोहनगढ़ क्षेत्र के 48 नाचना क्षेत्र के 22 और नोख क्षेत्र के 29 गांव शामिल हैं।