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864 वर्ष पुराने किले पर मंडराए खतरे के बादल, किले परकोटे की दीवार कई जगह से जर्जर

जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग को मानसून के दौरान संभावित तेज या मूसलाधार बारिश होने की स्थिति में नुकसान पहुंचने की आशंका गहरा गई है।

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864 वर्ष पुराने किले पर मंडराये आशंका के बादल,किले परकोटे की दीवार कई जगहों से जर्जर

जैसलमेर. जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग को मानसून के दौरान संभावित तेज या मूसलाधार बारिश होने की स्थिति में नुकसान पहुंचने की आशंका गहरा गई है। दुर्ग के परकोटे की दीवार कई जगहों पर जर्जर अवस्था में पहुंची हुई है और चार-छह इंच बारिश गिरने के दौरान उसके पत्थर निकलने के बाद वह भरभरा कर गिरने की आशंका है। पूर्व में कम से कम तीन बार ऐसा हो चुका है। इसके अलावा दुर्ग के परकोटे से गोपा चौक में सटी सब्जी मंडी के ऊपरी हिस्से में दुर्ग के परकोटे पर बनी दीवार के पत्थर पिछले दिनों भीतरी हिस्से में गिरे भी हैं। यह दीवार अगर भरभरा कर गिरती है तब भी हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
दरक रही है दीवार
99 बुर्जों वाले सोनार दुर्ग के परकोटे को मजबूती प्रदान करने के लिए किसी जमाने में गोपा चौक वाले हिस्से ेमें बनाई गई क्रॉस दीवार के पत्थर अब लगातार बाहर निकल रहे हैं। पिछले दिनों की बारिश के दौरान इस दीवार के बीच वाले हिस्से के पत्थर निकलने से तेज बारिश होने के हालात में पूरी दीवार के गिर जाने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इसका खतरा पास ही अवस्थित सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेताओं व खरीदारों समेत अन्य लोगों को भी है क्योंकि यह शहर का व्यस्त यातायात वाला क्षेत्र है।
सुरक्षित नहीं परकोटा
-दुर्ग का परकोटा कई स्थानों पर कतई सुरक्षित नहीं रह गया है। लगातार पानी के रिसाव के चलते परकोटे की शिव रोड से लगती प्राचीन दीवारें जगह-जगह पर जर्जर अवस्था में पहुंच गई हैं।
-शिव मार्ग पर कम से कम चार-पांच जगहों पर परकोटे की दीवार फूल कर बाहर की तरफ निकली हुई नजर आ रही है।
-उसमें लगे बड़े-बड़े पत्थर अपनी जगह छोड़ रहे हैं। मूसलाधार बारिश के दौरान परकोटे के ऊपरी हिस्से पर दबाव बढ़ा तो ये पत्थर धराशायी होने की आशंका है।
-दीवार गिरने की स्थिति में एक साथ सैकड़ों पत्थर सडक़ पर गिर कर हडक़ंप मचा सकते हैं।

पूर्व में आधा दर्जन की हो चुकी मौत
सोनार दुर्ग के परकोटे की विशालकाय दीवार का बड़ा हिस्सा पिछले ढाई दशक के दौरान अलग-अलग जगहों पर तीन बार ढह चुका है। नब्बे के दशक में गोपा चौक में दुर्ग दीवार के ढहने से उसके नीचे दब कर एक साथ छह जनों की दर्दनाक मौत हो गई थी। तब कोहराम मच गया था। उसके कई साल बाद गोपा चौक ट्रांसफार्मर के सामने वाले हिस्से की दीवार भी मूसलाधार बारिश के कारण भरभरा कर गिर गई थी। उसके नीचे तब बने हुए मूत्रालय पूरी तरह से पत्थरों व मलबे से दब गए। गनीमत यह रही थी कि वह वाकया तडक़े करीब तीन बजे हुआ था। उस समय सडक़ पर कोई नहीं था। चंद वर्ष पहले गोपा चौक पुलिस चौकी से थोड़ा आगे परकोटे की दीवार का बड़ा हिस्सा दोपहर के समय धराशायी हो गया था। तब भी उसका मुख्य कारण बारिश बनी थी। जिस समय दीवार गिरी तब पास ही परकोटे के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा था और संयोगवश श्रमिक उस समय दोपहर के भोजनावकाश पर थे। अन्यथा कोई हादसा तब भी घट सकता था।

फैक्ट फाइल -
- 864 साल से प्राचीन सोनार दुर्ग
- 99 बुर्ज हैं ऐतिहासिक दुर्ग में
- 03 बार गिर चुकी है परकोटे की दीवार

करवाएंगे आवश्यक कार्रवाई
सोनार दुर्ग संबंधी कोई भी कार्य पुरातत्व विभाग ही करवा सकता है। बारिश से परकोटे सहित दुर्ग के किसी हिस्से को खतरा है तो विभाग के स्तर से शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई करवाएंगे।
- नमित मेहता, जिला कलक्टर, जैसलमेर