
दुनिया के कई देशों के बाद देश के कुछ राज्यों और अब राजस्थान के कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सीमांत जैसलमेर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सजगता दिखानी शुरू कर दी है। एक बार फिर शहर की गफूर भट्टा में अम्बेडकर भवन में स्थापित कोरोना जांच लैब को शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यहां पूर्व में लगे एयरकंडीशनर अस्पताल में अन्यत्र काम में ले लिए गए हैं। पिछले कुछ सालों से कोरोना को विदा मान लिया गया था। यही कारण है कि गत अर्से के दौरान अम्बेडकर भवन में स्थापित कोरोना लैब से न केवल स्टाफ सदस्यों को कम किया गया, बल्कि सामान भी अन्यत्र काम में ले लिया गया। अब जैसे ही प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले सामने आना शुरू हुए हैं, जैसलमेर स्थित इस आणविक लैब की सार-संभाल का काम शुरू किया गया है। गौरतलब है कि कोरोना के सेम्पल का परीक्षण कोविड-19 वायरस से आनुवंशिक सामग्री की तलाश करते हैं। पॉलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट, जिसे पीसीआर टेस्ट कहा जाता है, आणविक परीक्षण होता है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली लैब तकनीक को रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन यानी आरटी-पीसीआर कहा जाता है।
शहर की गफूर भट्टा स्थित कोरोना लैब का सोमवार को जवाहिर चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. चंदनसिंह और अन्य ने जायजा लिया। इस लैब की साफ-सफाई करवाई जा रही है। साथ ही लैब को शुरू करवाने के लिए किन संसाधनों की जरूरत रहेगी, इसका सूचीकरण भी किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में इस लैब को सुचारू बनाने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत रहेगी।
जानकारों के अनुसार राजस्थान प्रदेश में फिलहाल कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। बहुत धीमी गति से नए केसेज सामने आ रहे हैं। फिर भी नए मामलों के सामने आने की स्थितियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर भी इसी तरह से बहुत धीमी गति से शुरू हुई थी और बाद में उसने कहर बरपा कर दिया था। हाल के नए मामलों में 2 माह के शिशु से लेकर करीब 70 वर्षीय वृद्ध संक्रमित पाए गए हैं। इससे विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि कोरोना किसी भी आयु के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। प्रदेश में इस साल अब तक लगभग 15 जने कोविड से संकमित पाए गए हैं। इनमें से किसी की जान नहीं जाना चिकित्सा विभाग के लिए भी राहत की बात है। विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है।
कोरोना महामारी से सीमांत जैसलमेर जिले में साल 2020 और 2021 में हजारों लोग संक्रमित हुए थे और करीब डेढ़ सौ जनों की मौत का कारण यह संक्रमण बना था। इसके बाद धीरे-धीरे देश और प्रदेश के बाकी जिलों की भांति जैसलमेर में भी कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी आती गई। पिछले वर्ष 2024 में तो यह नहीं के बराबर रह गया और इसी के चलते जांचें भी बंद कर दी गई। अब एक बार फिर इसकी संभावित दस्तक के मद्देनजर जिम्मेदार सतर्क हो रहे हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर जैसलमेर शहर में स्थित कोरोना जांच लैब को फिर से शुरू करवाया जाएगा। पूर्व में गंभीर स्थितियां बनी थी, इस वजह से इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। विभाग सारी तैयारी करेगा। फिर से जांचें शुरू करवाई जाएंगी।
Published on:
26 May 2025 11:37 pm
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