
फतेहगढ़ उपखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय रहिम की ढाणी में शिक्षा की अलख जगा रही हैं शिक्षिका दल्लू जाट। प्रतिदिन तय दूरी का सफर कर वे समय पर विद्यालय पहुंचती हैं और नन्हें बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाती हैं। विद्यालय भवन लंबे समय से जर्जर स्थिति में था। कक्षाओं के ढह जाने के बाद आज यहां बच्चे टीनशेड के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद दल्लू जाट शिक्षा के प्रति न केवल अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं, बल्कि बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह भी बनाए हुए हैं। रहीम की ढाणी में मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निवासरत हैं। विद्यालय समय के बाद दल्लू जाट घर-घर जाकर अभिभावकों से संवाद करती हैं और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की समझाइश देती हैं। वे आसपास की ढाणियों के ग्रामीणों से भी लगातार संपर्क करती हैं ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। वर्तमान में विद्यालय में 26 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं। शिक्षिका बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय परिसर की साफ-सफाई और पौधों की देखभाल पर भी विशेष ध्यान देती हैं। यहां बच्चों को अनुशासन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मूल्य भी सिखाए जा रहे हैं। रेगिस्तान की कठिन परिस्थितियों के बीच दल्लू जाट शिक्षा की ऐसी अलख जगा रही हैं, जो आने वाली पीढ़ी के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगी।
Published on:
04 Sept 2025 09:19 pm
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