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Jaisalmer News- नहीं लगाए रिफ्लेक्टर, फिर करंट से हुई दुर्लभ राज्य पक्षी की मौत

करंट से गोडावण की हुई मौत

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जैसलमेर (पोकरण). क्षेत्र के गांवों व ढाणियों को विद्युतीकृत करने के दौरान लगाए जा रहे विद्युत तार राज्य पक्षी गोडावण सहित बड़े पक्षियों की मौत के कारण बन रहे है। ऐसा ही मामला गुरुवार रात्रि में खेतोलाई के पास सामने आया, जब खेतोलाई गांव से कुछ ही दूरी पर विद्युत लाइन के नीचे शुक्रवार को सुबह एक गोडावण का मृत हालात में मिला। सुबह तक मृत गोडावण के शव को जंगली लोमड़ी, श्वानों व अन्य हिंसक पशुओं ने क्षत विक्षत कर दिया। खेतोलाई गांव के पास निकल रही हाईटेंशन विद्युत लाइन के नीचे शुक्रवार सुबह ग्रामीणों को एक गोडावण के शव होने की जानकारी मिली। उन्होंने क्षेत्र के वनरक्षक को सूचना दी। सूचना पर वन रक्षक मौके पर पहुंचा तथा उच्चाधिकारियों को इस घटना से अवगत करवाया। जिस पर जैसलमेर से उपवनसंरक्षक डीएनपी अनूप के.आर, सहायक वनसंरक्षक विजय, क्षेत्रीय वन अधिकारी वन्यजीव पूरणसिंह राठौड़ वनरक्षकों की टीम के साथ शुक्रवार को सुबह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने इसकी सूचना विद्युत निगम के अधिकारियों को दी। जिस पर जैसलमेर से अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता मौके पर पहुंचे। क्षेत्र में बिछे विद्युत तारों के कारण हुई गोडावण की मौत पर वन विभाग के अधिकारियों ने चिंता जताते हुए विद्युत तारों से वन्यजीव व पक्षियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने की मांग की।
विद्युत तारों पर लगेगी रेडियम पट्टी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खेतोलाई, लाठी, धोलिया, रामदेवरा, पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज, लोहारकी आदि गांवों के आसपास क्षेत्र में स्थित वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में बड़ी संख्या में गोडावण व अन्य पक्षी निवास करते है तथा वे यहां अठखेलियां करते देखे जा सकते है। जिनके संरक्षण के लिए वन विभाग की ओर से यहां पर्याप्त इंतजाम किए गए है तथा उनकी समय-समय पर गिनती करने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। उन्होंने बताया कि रात्रि में गोडावण खेतोलाई तालाब पर पानी पीने के लिए आते है। रात्रि में उन्हें विद्युत तारें दिखाई नहीं देती है तथा जैसे ही वे उनसे टकराते है, तो उनकी करंट से मौत हो जाती है। उन्होंने राज्य पक्षी गोडावण सहित दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध, बाज व अन्य बड़े पक्षियों की सुरक्षा के लिए विद्युत निगम अधिकारियों को व्यवस्था करने की बात कही। जिस पर निगम अभियंताओं ने भरोसा दिलाया कि ओढाणिया से धोलिया तक जहां बड़ी संख्या में गोडावण के कुनबे निवास करते है तथा अन्य पक्षी भी यहां विचरण करते है, उन जगहों पर करीब 18 किमी में विद्युत तारों पर लाल रंग की रेडियमयुक्त पट्टियां लगा दी जाएगी। जिससे पक्षियों को दूर से ही किसी चमकीली वस्तु होने का अहसास हो जाएगा तथा वो उन तारों से अपना बचाव स्वयं कर सकेंगे।

IMAGE CREDIT: patrika

वन्यजीवों की रक्षा जरूरी
राज्यपक्षी गोडावण की करंट से मौत की घटना दु:खद है। वन्यप्रेमियों के लिए यह चिंता का विषय है। पर्यावरण की रक्षा के लिए वन्यजीवों की रक्षा जरूरी है। पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज, खेतोलाई, लाठी, धोलिया, रामदेवरा, लोहारकी गांवों के पास स्थित वन्यक्षेत्रों में खासी संख्या में गोडावण व अन्य पशु पक्षी है। वन विभाग के उच्चाधिकारियों व विद्युत वितरण निगम के अभियंताओं को उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए।
-जसवंतसिंह सोलंकी, वन्यजीवप्रेमी एवं पर्यावरणविद्, जोधपुर

रेलवे ट्रेक पर आए दिन गिद्धों की हो रही मौत
ओढाणिया से चांधन के बीच आए दिन रेल से कटकर पशुओं की मौत हो रही है। जिन्हें समय पर पटरियों से दूर नहीं किया जाता है। पशुओं के शवों को खाने के लिए गिद्ध यहां आते है तथा रेल की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती है। इन गिद्धों की सुरक्षा के लिए भी वन विभाग व रेलवे के अधिकारियों को पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। अन्यथा धीरे-धीरे गिद्ध प्रजाति समाप्त हो जाएगी।
-राधेश्याम पेमाणी, तहसील संयोजक अखिल भारतीय जीवरक्षा विश्रोई सभा, धोलिया।