-ग्रामीणों ने दिया विद्यालय के आगे धरना
जैसलमेरPublished: Jul 29, 2021 08:59:46 am
आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
-ग्रामीणों ने दिया विद्यालय के आगे धरना
जैसलमेर. ग्राम पंचायत रुपसी के राउमावि रुपसी के ग्रामीणों ने आरोपी व्याख्याता गजेन्द्र के खिलाफ कार्रवाई की की मांग करते हुए विद्यालय के आगे एकत्रित होकर धरना दिया। रुपसी व लौद्रवा के ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा के मंदिर में कुछ शिक्षकों की ओर से विद्यालय के माहौल को खराब किया जा रहा है। विद्यालय में बन रहे इस भययुक्त माहौल में ंहम अपने बच्चों को कभी नहीं भेजना चाहेेंगे। उन्होंने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य को इस विषय में कई बार अवगत करवाने के बावजूद भी उक्त शिक्षक के विरुद्व कोई कार्रवाई अब तक देखने को नहीं मिली है। ऐसे में उन्हें मजबूर होके धरना देना पड़ रहा है। इसके बाद भी यदि प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ग्रामीणों ने शिक्षक गजेन्द्र के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त शिक्षक पिछले कई सालों से गांव की बालिकाओं के साथ दुव्र्यवहार, मानसिक प्रताडऩा करने के साथ छात्राओं की निजी धार्मिक मान्यताओं को समाप्त करने का दबाव बनाता है। बालिकाओं की ओर से ऐसा न करने पर उक्त शिक्षक की ओर से छात्राओं को कई बार कक्षा कक्ष में खड़ा करके बेइज्जत करना, प्रार्थना से बाहर निकालने सहित प्रताडऩा दी जाती है। शिक्षक की ओर से छात्राओं को प्रायोगिक परीक्षाओं, मासिक जांचों में अंक कम देने व महत्वपूर्ण कक्षाओं से बाहर करने की धमकी दी जाती है। वर्तमान मे विद्यालय का जो माहौल खराब हुआ है, ऐसी स्थिति में वे अपने बच्चों को इस विद्यालय में पढऩे के लिए नहीं भेजेंगे। उपस्थित ग्रामीणों ने मौके पर उपस्थित विद्यालय प्रधानाचार्य सुनील बोहरा को ज्ञापन देते हुए कहा कि उक्त शिक्षक के विरुद्व कठोर कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन को जिला स्तर पर बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक इस विधालय में कार्यरत रहेगा, वे अपने बच्चों को विद्यालय में शिक्षा के लिए भेजने में असहज है। प्रधानाचार्य बोहरा ने समूचे मामले की जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित करने का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर रुपसी सरपंच स्वरुपसिंह, पदमसिंह, मगसिंह बाबूसिंह, पृथ्वीसिंह, हरीसिंह लौद्रवा, ईश्वरसिंह, प्रयागसिंह, परबतसिंह, खेताराम, पीरदानसिंह, हीराराम, बखताराम, लोंगाराम, सांवलसिंह, चनणसिंह, उगाराम, मंगलाराम, तेजमालसिंह, परबतराम, गणपतसिंह, पूनमसिंह, राणाराम, प्रयागसिंह, खेमसिंह, मोहनसिंह, सवाईराम, इन्द्रसिंह, श्यामसिंह, पूनमसिंह, दुर्गनाथ, तारानाथ, मनोहरसिंह, मनोजकुमार, नारायणसिंह, धनसिंह, हरीसिंह, होशियारसिंह, लालसिंह, डूंगरसिंह, मेघसिंह, महेन्द्रसिंह, देवीसिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।