31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ओएनजीसी से लेकर सीमेंट फैक्ट्री तक भू-विज्ञानियों की डिमांड, स्थानीय युवा खो रहे सुनहरा भविष्य

खनिज संपदा से भरपूर जैसलमेर जिले की धरती अनमोल खजानों से भरी पड़ी है, लेकिन इन खजानों को समझने, सहेजने और उपयोग करने के लिए आवश्यक भू-विज्ञानियों की कमी यहां की बड़ी विडंबना बन गई है।

2 min read
Google source verification

खनिज संपदा से भरपूर जैसलमेर जिले की धरती अनमोल खजानों से भरी पड़ी है, लेकिन इन खजानों को समझने, सहेजने और उपयोग करने के लिए आवश्यक भू-विज्ञानियों की कमी यहां की बड़ी विडंबना बन गई है। न प्रचार हो रहा है, न नीतिगत पहल और न ही विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को विषय की जानकारी दी जा रही है। नतीजतन स्थानीय युवा एक सुनहरा भविष्य खोते जा रहे हैं। जिला मुख्यालय स्थित एसबीके राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर भू-विज्ञान विषय की मान्यता है। विभागीय ढांचा मौजूद है, पाठ्यक्रम तय है, लेकिन पिछले विगत वर्षों से इस विषय को विद्यार्थियों की कमी के कारण शुरू नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा है कि विद्यालय स्तर यह विषय उपलब्ध नहीं होने से स्नातक कक्षा में इसको लेकर रुचि देखने को नहीं मिल रही है, साथ जानकारी का अभाव, स्कूलों में मार्गदर्शन की कमी और प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता… यह कारण भी स्नातक कक्षा में विद्यार्थियों की रुचि और माहौल देखने को नहीं मिल रहा है।

हकीकत : देश-भर में मांग, जैसलमेर में चुप्पी

भू विज्ञान विषय पढऩे वाले युवाओं की देश भर में मांग है। ओएनजीसी, ऑयल इंडिया, कोल इंडिया, जीएसआई, सीजीडब्ल्यूए, आरएसएमएम, खान विभाग, भूजल विभाग जैसे सरकारी संस्थानों के अलावा माइनिंग, सीमेंट और पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी निजी कंपनियां भी भू विज्ञान के जानकारों को अवसर देती हैं। बावजूद इसके, जैसलमेर जैसे खनिज प्रधान जिले में यह विषय उपेक्षित बना हुआ है।

स्वरोजगार के भी विकल्प

  • भू विज्ञान विषय केवल सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं है।

-निजी क्षेत्र में भू-सर्वेक्षण, माइनिंग प्लानिंग, ड्रिलिंग कंसल्टेंसी, जलस्तर परीक्षण जैसे कार्यों में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

  • जैसलमेर में सीमेंट इंडस्ट्री और बाड़मेर में पेट्रोलियम रिफाइनरी जैसे प्रोजेक्ट्स के चलते प्रशिक्षित भू विज्ञानियों की आवश्यकता और बढ़ेगी।

जरूरत है नीतिगत पहल की

विशेषज्ञों की मानें तो अब समय आ गया है कि शिक्षा विभाग, प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस विषय को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम उठाएं। स्कूल स्तर से ही भू विज्ञान विषय की जानकारी दी जाए, विद्यार्थियों को इसके महत्व और संभावनाओं से अवगत कराया जाए।

सही मार्गदर्शन की दरकार

कॉलेज में भू विज्ञान विषय की सुविधा है, लेकिन न तो जिले में इसकी जानकारी है और न ही करियर से जुड़े फायदे समझाने में किसी ने रूचि ली है।अगर सही मार्गदर्शन मिलता, तो मैं भी यह विषय चुनती।

-निशा, छात्रा

एक्सपर्ट व्यू: भू विज्ञान केवल विषय नहीं, भविष्य है

भू वैज्ञानिक डॉ. नारायणदास इणखिया के अनुसार भू विज्ञान पृथ्वी, पर्यावरण और खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक अध्ययन से जुड़ा विषय है। यह न केवल खनिजों की खोज और संरचना को समझने का अवसर देता है, बल्कि देश की खनिज नीति और विकास में अहम भूमिका निभाता है। जैसलमेर जैसे क्षेत्र में इस विषय की पढ़ाई का ठप रहना चिंताजनक है।