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अनदेखी का ग्रहण, उधड़ गई सड़क… पुलिए भी टूटे

पोकरण क्षेत्र के लवां से सत्तासर तक जाने वाली डामर सडक़ पिछले एक वर्ष से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में है।

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पोकरण क्षेत्र के लवां से सत्तासर तक जाने वाली डामर सडक़ पिछले एक वर्ष से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में है। ऐसे में आमजन को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सडक़ की हालत ऐसी हो चुकी है कि आए दिन वाहन चालकों और राहगीरों के लिए यह मार्ग खतरे का कारण बनता जा रहा है। जानकारी के अनुसार वर्षों पूर्व लवां से सत्तासर होते हुए फलोदी जिले के उग्रास और ढढु गांवों तक डामर सडक़ का निर्माण करवाया गया था, लेकिन समय पर उचित रखरखाव और मरम्मत नहीं होने के कारण यह सडक़ अब गड्ढ़ों में तब्दील हो चुकी है। गत वर्ष हुई भारी बारिश ने सडक़ की हालत और भी दयनीय कर दी, जिससे जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए है। करीब 5 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर कहीं-कहीं पुलिए भी टूट चुके हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका और बढ़ गई है। खासकर रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से यह मार्ग और भी खतरनाक साबित हो रहा है। स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों ने बताया कि इस संबंध में कई बार जिम्मेदारों को अवगत करवाया गया, लेकिन सडक़ की मरम्मत नहीं की जा रही है।

घनी आबादी व कंपनियों में दिन-रात रहता है आवागमन

लवां से सत्तासर होते हुए उग्रास व ढढु के लिए स्थित सडक़ मार्ग पर दिन-रात राहगीरों व वाहन चालकों का आवागमन रहता है। इस मार्ग पर कई गांव स्थित है और घनी आबादी निवास करती है। इसके अलावा सत्तासर व फलोदी के उग्रास में सौर ऊर्जा कंपनियां भी स्थित है। ऐसे में ग्रामीणों के साथ ही कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों व मजदूरों और उनके वाहनों का आवागमन रहता है। क्षतिग्रस्त सडक़, गड्ढ़ों व क्षतिग्रस्त पुलियों के कारण यहां कभी किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।