
स्वर्णनगरी का 870 वर्ष पुराना ऐतिहासिक सोनार दुर्ग और करीब एक दर्जन पर्यटन स्थल देश भर से पहुंचे विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों से आए छात्र-छात्राएं यहां की कलात्मक विरासत, लोक संस्कृति और स्थापत्य की अद्भुत बारीकियों को समझने में जुटे हैं। उनकी लगन और उत्सुकता से शहर में शिक्षा और पर्यटन का अद्वितीय मेल दिखाई दे रहा है। सोनार दुर्ग की संकरी सर्पिल गलियां विद्यार्थियों के लिए विशेष आकर्षण का विषय बनी हुई हैं। इन गलियों में कदम-कदम पर सजीव होता इतिहास उन्हें बीते युगों की याद दिलाता है। सुनहरे पत्थरों से ढली इस विरासत को निहारते हुए वे अपनी स्मृतियों में नई कहानियां बुन रहे हैं। यहां की शांति और स्थायित्व उन्हें आधुनिक जीवन के शोरगुल से दूर सुकून के पल दे रहा है। पटवा हवेली और जैन मंदिरों की नक्काशी देखकर विद्यार्थी अवाक रह जाते हैं। स्थापत्य की जटिल बारीकियां उनकी रचनात्मकता को जागृत करती हैं। कई छात्र इन दृश्यों को कैमरे में कैद कर रहे हैं तो कुछ स्केच बनाकर अपनी प्रेरणा को अभिव्यक्त कर रहे हैं। यह अनुभव उनकी रचनात्मक सोच को नई दिशा दे रहा है।
सोनार दुर्ग में घूमते हुए ऐसा लगा जैसे इतिहास जीवित हो उठा हो। यहां की गलियों ने हमें अतीत से सीधा जोड़ दिया। यह अनुभव किताबों से कहीं ज्यादा गहराई से सीखने का अवसर देता है।
— अर्चना शर्मा, अहमदाबाद
पटवा हवेली और जैन मंदिर की नक्काशी ने मेरी रचनात्मकता को नया आयाम दिया। मैंने यहां बैठकर कई स्केच बनाए, जो मेरे करियर की प्रेरणा बनेंगे।
— अजय वर्मा, पुणे
जैसलमेर का सुकून और यहां का सौंदर्य अविस्मरणीय है। हमें ऐसा अवसर मिला जिससे हम आधुनिक जीवन की भागदौड़ से दूर होकर खुद को पहचान सके।"
— सुजाता मिश्रा, भोपाल
यह यात्रा केवल पर्यटन तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी शिक्षा का हिस्सा भी है। अब हम अपने परिवार और मित्रों को भी स्वर्णनगरी की कहानियां सुनाएंगे।
— रोहित सेनगुप्ता, कोलकाता
-12 से अधिक पर्यटन स्थल विख्यात हैं जैसलमेर में
-870 वर्ष पुराना है स्वर्णनगरी का ऐतिहासिक सोनार दुर्ग
-10 लाख के करीब पर्यटक प्रति वर्ष पहुंचते हैं स्वर्णनगरी
-35 हजार विद्यार्थी हर वर्ष आते हैं शैक्षणिक भ्रमण पर
जैसलमेर में शैक्षणिक पर्यटन निरंतर लोकप्रिय हो रहा है। यहां पहुंचे विद्यार्थी लौटकर अपने परिवार और परिचितों को स्वर्णनगरी की विशेषताओं से परिचित करवाते हैं। इससे पर्यटन को नई दिशा और सहारा मिल रहा है। आने वाले दिनों में और भी विद्यार्थियों के समूह जैसलमेर पहुंचेंगे।
-सुमेरसिंह राजपुरोहित, पर्यटन विशेषज्ञ, जैसलमेर
Published on:
03 Oct 2025 11:32 pm
बड़ी खबरें
View Allजैसलमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
