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सेक्टर मुख्यालय से लेकर सीमा चौकियों तक बल के जवानों ने किया योगाभ्यास

योगाभ्यास कार्यक्रम में उपमहानिरीक्षक राठौड़ ने भी भाग लिया और उपस्थित जवानों को नियमित योग करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि, योग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागरूकता, मानसिक शांति और सामाजिक एकता का माध्यम है।

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आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर (उत्तर) के उपमहानिरीक्षक योगेन्द्रसिंह राठौड़ के नेतृत्व में सेक्टर मुख्यालय से लेकर सभी वाहिनियों के मुख्यालयों और अंतरराष्ट्रीय सीमा चौकियों में किया गया। गौरतलब है कि इस वर्ष योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग रखी गई है। इस अवसर पर प्रशिक्षित योगाचार्यों ने जवानों को विभिन्न योगासन जैसे ताड़ासन, वृक्षासन, वज्रासन, भुजंगासन, व प्राणायाम की विभिन्न तकनीकें सिखाई गईं। इसके अलावा कार्यक्रम का विशेष आकर्षण सामूहिक सूर्य नमस्कार रहा। जिसमें जवानों ने अनुशासित पंक्ति में खड़े होकर 12 योग मुद्राओं का सामूहिक प्रदर्शन किया। ह नजारा आत्मबल और एकता का प्रतीक बना।

योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं

योगाभ्यास कार्यक्रम में उपमहानिरीक्षक राठौड़ ने भी भाग लिया और उपस्थित जवानों को नियमित योग करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि, योग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागरूकता, मानसिक शांति और सामाजिक एकता का माध्यम है। इस वर्ष की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग हमारे जैसे बलों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, जो व्यक्तिगत अनुशासन के साथ देश की रक्षा के लिए समर्पित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बल के जवानों के लिए योग को दैनिक जीवन में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह न केवल उनके मानसिक संतुलन और फुर्ती को बढ़ाता है, बल्कि तनाव प्रबंधन और निर्णय क्षमता में भी सहायक होता है। जवानों ने संकल्प लिया कि वे योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाएंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत मातेश्वरी तनोट राय मन्दिर में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व योगाभ्यास किया। बल की ओर से कहा गया कि यह आयोजन दर्शाता है कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी सम्मानपूर्वक आगे बढ़ा रहा है।