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यहां परंपराएं हैं तो जज्बात और विश्वास भी….

locationजैसलमेरPublished: Oct 31, 2021 07:13:06 am

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसाण में दीपोत्सव पर आज भी हटड़ी का महत्व-अधूरा माना जाता है पूजन इसके बिना, मिरासी मंगणयार परिवार बनाते हैं-मिट्टी के साथ अब धातु की हटड़ी का भी हो रहा उपयोग

यहां परंपराएं हैं तो जज्बात और विश्वास भी....

यहां परंपराएं हैं तो जज्बात और विश्वास भी….

जैसलमेर. जैसाण में उत्सव, पर्व और त्योहारों की बात ही कुछ और है। यहां परंपराएं व रीति-रिवाज का निर्वहन किया जाता है, लेकिन इनके साथ दो और महत्वपूर्ण बातें जुड़ी हुई है और वह है विश्वास और जज्बात…। अब दीपोत्सव नजदीक है, वहीं घर-घर हटड़ी पूजन की तैयारियां शुरू हो चुकी है। हटड़ी के बिना दीपोत्सव अधूरा माना जाता है। हालांकि बदलते समय के साथ-साथ अब धातु से बनी हटड़ी का भी प्रचलन बढ़ा है। बुजुर्ग जन बताते हैं कि मांगणयार परिवार के लोग हटडिय़ों का निर्माण कर दीपावली, विवाहोत्सव, पुत्र होने या शुभ कार्यों में इसे भेंट करते थे। इसके बदले संबंधित लोग उन्हें गुड़ नारियल, ओढनी व श्रद्धानुसार भेंट देते थे। कोरोना का दंश झेल चुके जैसाण के बाशिंदों को उम्मीद है कि इस बार विधिवत हटड़ी पूजन से उनका परिवार संकट से दूर रहेगा और सभी मंगलकार्य बिना किसी अड़चन के पूरे हो सकेेंगे। हकीकत यह है कि बाजार में कृत्रिम व धातु से बनी हटडिय़ा आसानी से उपलब्ध हो जाने के बावजूद मांगलिक दृष्टिïकोण, राशि ग्रह से प्रभावित न होने और रिद्धि-सिद्धि की कामना के लिए मिट्टïी व बांस की लकडिय़ों से निर्मित हटड़ी को भी शुभ माना जाता है। ऐसे में आधुनिकता की चकाचौंध में भी परंपरागत रूप से बनाई जाने वाली हटड़ी का महत्व बरकरार है। बुजुर्ग बताते हैं कि हटड़ी घर में होने से मंगल कार्य बिना किसी अड़चन के संपन्न हो जाते है। दीपावली पर्व पर मिरासी मांगणयार परिवारों की ओर से वर्षों से मिट्टïी की बनी हटड़ी राज परिवार को भेंट करने की परंपरा है, जो आज तक निभाई जा रही है। मांगणयार परिवार के लोग विशेष अवसरों पर हटड़ी जरूर बनाते हैं। दीपावली से पूर्व मांगणयार जाति के लोग जेवरात व नकदी में उपयोग में ली जाने वाली दिशासनिक हटड़ी व घर में शांति व सद्ïभाव बनाए रखने के लिए बंगला हटड़ी सबसे ज्यादा बनाई जाती है।
कायम है आज भी परंपरा, लेकिन बनाना भी आसान नहीं
हटड़ी को बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। करीब दस दिन पहले ही हटड़ी बनाने में काम में आने वाली सभी आवश्यक सामग्री जुटा ली जाती है। दीपावली पर विशेष पूजन करने के लिए हटड़ी के बीच में दीपक के लिए विशिष्ठï स्थान भी बनाया जाता है। हटड़ी का ढांचा तैयार करने के लिए लाल मिट्टïी व घोड़े की लीद को मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है, जिसमें बांस की लकडिय़ों को मिलाकर व्यवस्थित किया जाता है। ढांचे को मिश्रण से फिर से भर दिया जाता है। इब इसके सूखने का इंतजार किया जता है। जब यह सूख जाता है तो उस पर रंगीन चित्रकारी या अन्य सजावट की जाती है।
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