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बिन नेटवर्क के कैसे लगेगी हाजिरी?

-मनरेगा के तहत मोबाइल से उपस्थिति में हो रही परेशानी-ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं है मोबाइल नेटवर्क

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बिन नेटवर्क के कैसे लगेगी हाजिरी?

बिन नेटवर्क के कैसे लगेगी हाजिरी?


जैसलमेर/पोकरण. सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगा योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को मजदूरी दिलाने तथा उन्हें मानदेय के भुगतान को लेकर शुरू की गई मोबाइल से उपस्थिति की योजना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सफल होती नजर नहीं आ रही है। गौरतलब है कि देशभर में मनरेगा के तहत लाखों श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। सरकार की ओर से मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य स्वीकृत कर श्रमिकों को नियोजित किया जाता है। संचार क्रांति के इस युग में मनरेगा पर फर्जी रूप से अपने नाम चलाकर राशि उठाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए मोबाइल के माध्यम से श्रमिकों को अपनी उपस्थिति करने को लेकर सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। दूसरी तरफ सीमावर्ती जिले में कई ऐसे दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र है, जहां आज भी लोग मोबाइल की सेवाओं से दूर है। ऐसे में मनरेगा के तहत श्रमिकों को अपनी उपस्थिति लगाने में परेशानी हो रही है।
ये क्षेत्र है मोबाइल सेवाओं से वंचित
जैसलमेर में सात पंचायत समितियां है। जिनमें जैसलमेर, सम, फतेहगढ़, मोहनगढ़, नाचना, सांकड़ा, भणियाणा शामिल है। इनमें सम, फतेहगढ़, मोहनगढ़, नाचना, भणियाणा में कई ऐसी ग्राम पंचायतेंं हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता है। दूर-दूर तक कोई मोबाइल टावर नहीं होने के कारण मनरेगा के तहत कार्यरत मजदूरों को अपनी उपस्थिति को लेकर परेशानी हो रही है।
फर्जीवाड़े से होगा बचाव
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब श्रमिक परिवारों को रोजगार दिलाने में मनरेगा योजना का बड़ा हाथ है। कई परिवार इस योजना में रोजगार प्राप्त कर दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं। इसके साथ ही कई ऐसे भी लोग है, जो मनरेगा कार्य की बजाय अन्य गांव व शहरों में मजदूरी करते हैं, लेकिन उनका नाम व उपस्थिति मनरेगा कार्य में चलती रहती है। इसी फर्जीवाड़े को बंद करने तथा पात्र लोगों को रोजगार दिलाने के लिए मोबाइल से उपस्थिति की योजना बनाई गई थी।
पुराने मस्टररोल से हाजिरी लगाना मजबूरी
सरकार की ओर से संचार क्रांति के युग में मोबाइल से उपस्थिति लगाने को लेकर आदेश जारी किए गए हैं, ताकि श्रमिक अपडेट हो सके। साथ ही कोई भी अन्य व्यक्ति एवजी या फर्जी तरीके से काम कर मजदूरी नहीं उठाए। इन आदेशों से शहरों से नजदीक अथवा बड़े गांवों में श्रमिकों को सुविधा मिल रही है, लेकिन दूरदराज अंतिम छोर पर आबाद गांवों व ढाणियों में मनरेगा कार्य के दौरान उपस्थिति को लेकर परेशानी हो रही है। यहां के मजदूरों को अभी भी मस्टररोल जारी करवाकर अपनी उपस्थिति लगानी पड़ रही है।

सुधार के लिए कर रहे प्रयास
मस्टररोल में उपस्थिति के स्थान पर मोबाइल के माध्यम से श्रमिकों की हाजिरी के लिए हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे राजस्थान के अन्य जिलों में भी यह कार्य पूर्णरूपेण नहीं हो पाया है। वर्तमान में जैसलमेर जिले की 20 से अधिक ग्राम पंचायतों में ऐसा किया जा रहा है। इसमें और सुधार के लिए संबंधित कार्मिकों को निर्देशित किया गया है। आगामी पखवाड़े के दौरान शत-प्रतिशत हाजिरी मोबाइल से करवाने को कहा गया है।
- टी. शुभमंगला, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जैसलमेर