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अलगाव छोड़ साथ रहने को राजी हुए पति-पत्नी: लोक अदालत में 303 प्रकरणों का निस्तारण

ताल्लुका विधिक सेवा समिति पोकरण की ओर से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर के तत्वावधान में तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

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ताल्लुका विधिक सेवा समिति पोकरण की ओर से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर के तत्वावधान में तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश पोकरण डॉ.महेन्द्रकुमार गोयल व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नवीन रतनू की अध्यक्षता में 2 बैंचों का गठन किया गया। बैंच के सदस्यों के रूप में पैनल अधिवक्ता सरवरखां मेहर व नवीन पुरोहित उपस्थित रहे। राजस्व मामलों में सदस्य के रूप में उपखंड अधिकारी लाखाराम चौधरी ने भाग लिया। बैंचों के समक्ष कुल 2328 प्रकरण रखे गए। इसमें से 303 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसमें 8.27 करोड़ राशि के अवार्ड पारित किए गए। बैंच संख्या 2 के अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नवीन रतनू, सदस्य पैनल अधिवक्ता नवीन पुरोहित के समक्ष न्यायालय में लंबित भरण पोषण से संबंधित प्रकरण को रखा गया। इसमें प्रार्थिया की ओर से अपने पति से आजीविका के लिए भरण पोषण राशि दिलाने की याचिका लगाई गई थी। बैंच के अध्यक्ष व सदस्य की ओर से प्रार्थी सीमा व अप्रार्थी लालचंद के बीच सुलहवार्ता करवाने पर दोनों पक्ष राजी होकर लोक अदालत की भावना से पुन: आजीवन पति-पत्नी के रूप में साथ रहने को राजी हुए। न्यायालय के पीठासीन अधिकारी की ओर से प्रार्थिया के प्रार्थना पत्र के जरिए राजीनामा विड्रो किया गया। बैंच के समक्ष दोनों पक्षों ने परस्पर माला पहनाकर बिना किसी मनमुटाव के साथ रहने का वादा किया। इस दौरान अधिवक्ता जोगेन्द्रसिंह अजासर, कुंदनसिंह राजगढ़, सलीमखां मेहर, अभियोजन अधिकारी सुमित मित्तल, रीडर अरुण बिस्सा आदि उपस्थित रहे।