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अज्ञानता या अनदेखी? प्रतिबंध के बावजूद सैलानी उड़ा रहे ड्रोन

सरहदी जिले के प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की उड़ानें लगातार सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं।

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सरहदी जिले के प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की उड़ानें लगातार सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं। गत बुधवार को सोनार दुर्ग के ऊपर विदेशी सैलानी ड्रोन उड़ाते नजर आए। स्थानीय लोगों ने जब यह दृश्य देखा, तो डर और चिंता फैल गई। सूचना पर तत्काल पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पर्यटकों को रोका, लेकिन सवाल यही है कि प्रतिबंधों के बावजूद यह सिलसिला कब रुकेगा? जैसलमेर में ड्रोन कैमरों के उपयोग पर पहले से ही पाबंदी है। भारत-पाक सीमा से सटे होने, ऑपरेशन सिंदूर जैसे सुरक्षा अभियानों और बीते वर्षों में जासूसी व संदिग्ध गतिविधियों के खुलासों के बाद इस पाबंदी को और भी सख्ती से लागू किया गया है। इसके बावजूद विदेशी सैलानी बिना जानकारी या लापरवाही के चलते प्रतिबंधों की अनदेखी करते दिख रहे हैं।

कहीं नियमों से अनजान तो कहीं अनदेखी

ऐतिहासिक सोनार दुर्ग और गड़ीसर सरोवर जैसे ऐतिहासिक व संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन उड़ाने की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। जांच में बार-बार यही तथ्य निकलकर आता है कि अधिकतर विदेशी पर्यटक ड्रोन निषिद्ध क्षेत्र की जानकारी नहीं रखते। इस अनभिज्ञता के पीछे मुख्य कारण यह है कि होटल, ट्रेवल एजेंट, टूर गाइड जैसे जिम्मेदार पक्ष पर्यटकों को स्पष्ट सूचना नहीं दे रहे।

खतरनाक है लापरवाही

जैसलमेर जिले के प्रतिबंधित क्षेत्रों में 350 से अधिक गांव शामिल हैं, जहां बिना अनुमति प्रवेश भी गैरकानूनी है। इन इलाकों में नहरी कृषि, पशुपालन व मजदूरी करने वाले बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यहां रात्रिकालीन गश्त, पहचान सत्यापन और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी जरूरी है।

…. इसलिए सावधानी जरुरी

-सीमावर्ती क्षेत्रों से हेरोइन व हथियारों की बरामदगी हो चुकी है

  • पाक जासूसों की गिरफ्तारी भी सामने आ चुकी है-कुछ क्षेत्रों में आज भी नियमों की अनदेखी कर रोजाना आवाजाही जारी है।

जिम्मेदार कौन?

-ट्रेवल एजेंट, गाइड और होटल संचालकों को पर्यटकों को प्रतिबंधों की जानकारी देना अनिवार्य होना चाहिए।
-सार्वजनिक स्थानों पर सूचनात्मक बोर्ड और चेतावनी संकेत लगाने की जरूरत है।

  • एनजीओ और पर्यटन संस्थाओं को भी इस दिशा में संचार माध्यमों से सक्रिय होना होगाचक आबादियों में सघन जांच अभियान चलाने की आवश्यकता है।
  • नहरी क्षेत्रों में अवैध वाहनों की नियमित तलाशी जरूरी।
  • हर व्यक्ति का पहचान सत्यापन करना होगा अनिवार्य

प्रतिबंध का बंधन

-क्रिमिनल संशोधन एक्ट 1996 के तहत अधिसूचित थाना क्षेत्रों में बिना वैधानिक अनुमति प्रवेश वर्जित।
-अनुमति के लिए एसडीएम, थाना, तहसीलदार और पुलिस अधीक्षक से सत्यापन अनिवार्य।
-अनुमति न होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान

फैक्ट फाइल-

  • 350 के करीब गांव जिले के ऐसे हैं, जहां जाने के लिए जरूरी है अनुमति

-38 हजार वर्ग किमी से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है सरहदी जिला
-464 किमी की लंबाई में फैली है जैसलमेर जिले की सीमा

  • 8 थाना क्षेत्र प्रतिबंधित किए गए हैं जिले में सुरक्षा के लिहाज सेसरहदी जिले में पुलिस तंत्र सतर्क

ऐतिहासिक सोनार किले पर ड्रोन कैमरा उड़ाने का जो मामला सामने आया है, वह विदेशी पर्यटकों की अभिज्ञता के कारण हुआ। सुरक्षा के लिहाज से सर्दी जैसलमेर जिले में पुलिस तंत्र सतर्क व सजग है।

-सुधीर चौधरी, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर