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लोंगेवाला के रेगिस्तान में पाकिस्तान को चटाई थी धूल,77 साल की उम्र में निधन

स्मृतिशेष: ब्रिगेडियर कुलदीपसिंह चांदपुरी

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लोंगेवाला के रेगिस्तान में पाकिस्तान को चटाई थी धूल,77 साल की उम्र में निधन

जैसलमेर. वर्ष 1971 के 5 और 6 दिसम्बर की सर्द रात में जैसलमेर का रेगिस्तान भारतीय सैनिकों के पराक्रम से गरम हो गया था। तत्कालीन मेजर कुलदीपसिंह चांदपुरी के नेतृत्व में भारतीय सेना की 23 पंजाब रेजिमेंट के 120 जवानों ने तब पाकिस्तान के करीब 2000 सैनिकों और टैंकों को पूरी रात रोके रखा। सुबह सूरज की पहली किरण के साथ भारतीय वायुसेना के हंटर विमानों ने पाकिस्तान के टैंकों पर बमवर्षा कर उनकी कब्रगाह बना दी थी।
यह जगह जैसलमेर जिले की लोंगेवाला पोस्ट थी और इस जीत के हीरो कुलदीपसिंह चांदपुरी बने। भारतीय सेना के इस अधिकारी की ओर से जैसलमेर के धोरों में दिखाई गई वीरता के तराने आज भी फिजां में गूंजते हैं। गौरतलब है कि ‘बॉर्डर’ फिल्म इसी युद्ध पर आधारित थी। इस योद्धा का शनिवार को 77 साल की उम्र में निधन हो गया।ऐसे में साल 2016 में जैसलमेर प्रवास के दौरान पत्रिका के साथ खास बातचीत में स्वयं कुलदीपसिंह चांदपुरी की बयान की गई युद्धगाथा का बरबस स्मरण हो आता है। दो साल पहले लोंगेवाला में सेना की तरफ से लोंगेवाला में ऐतिहासिक युद्धकी स्मृति में रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीपसिंह चांदपुरी और उनके कुछसाथियों के समक्ष पराक्रम को पुनजीर्वित किया गया था। जिसके तहत रेत के धोरों में टैंकों की घरघराहट...बमों के धमाकों और गोलियों की बौछारों से युद्ध का पूरा मंजर खड़ा किया गया, जिससे चांदपुरी भाव विभोर हो गए थे। तब लोंगेवाला में चारों तरफ रेत के ऊंचे धोरों के बीचोंबीच उबड़- खाबड़ धरातल पर पाकिस्तानी टैंकों को मार गिराने के लिए गोलों के धमाकों के साथ उडऩे वाली धूल तथा उठाए गए कृत्रिम धुएं ने देखने वालों को एयरफोर्स के पराक्रम से भी परिचय दिलाया। तत्कालीन मेजर कुलदीपसिंह चांदपुरी के नेतृत्व में भारतीय सेना की 23 पंजाब रेजिमेंट के 120 जवानों ने तब पाकिस्तान के करीब 2000 सैनिकों और टैंकों को पूरी रात रोके रखा। सुबह सूरज की पहली किरण के साथ भारतीय वायुसेना के हंटर विमानों ने पाकिस्तान के टैंकों पर बमवर्षा कर उनकी कब्रगाह बना दी थी।